मक्का फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए यूपीडीए एवं आईआईएमआर के मध्य समझौता
हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास खबर
गोरखपुर उत्तर प्रदेश डिस्टिलरी एसोसिएशन के अध्यक्ष एस के शुक्ल, उपाध्यक्ष मनीष अग्रवाल व सामान्य सचिव रजनीश अग्रवाल, एवं भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर), लुधियाना के निदेशक हनुमान सहाय और वैज्ञानिक डॉ भूपेन्द्र सिंह व डॉ एस बी सिंह द्वारा प्रदेश में एथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में वृद्धि और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए लुधियाना, पंजाब में यूपी डिस्टिलर्स एसोसिएशन (यूपीडीए) और भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर), लुधियाना के बीच एक अभूतपूर्व समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
देश में 65 प्रतिशत मक्का उत्पादन इस संस्थान द्वारा विकसित किये गए। विभिन्न प्रजाति के हाइब्रिड मक्का शंकर बीज द्वारा है। इस समझौते के अन्तर्गत मक्का की नवीन कृषि पद्धतियों एवं हाइब्रिड बीजों के विकास के लिए कार्य किया जायेगा। जिससे एथेनॉल के उत्पादन में वृद्धि होगा एवं आईआईएमआर द्वारा शोध किये गए बीज द्वारा किसानों के मक्का फसल में प्रति हेक्टेयर 10.5 टन पैदावार करने का लक्ष्य होगा। जिससे किसानो के आय में लगभग 2.5 गुना वृद्धि होने का अनुमान है। कृषक समुदाय के लाभ और शंकर प्रजाति के विस्तार (बीज निर्माण) के लिए कृषक उत्पादक संघठनो से विचार विमर्श करने का लक्ष्य भी रखा गया है।
मक्के के खेती से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विगत एक वर्ष से यूपीडीए के द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। देश के सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान संस्थाओं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, दिल्ली और भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, लुधियाना और विश्व बाजार में अग्रणी स्थान रखने वाली संस्था यू.एस. ग्रेन्स काउंसिल से करार करके प्रदेश के किसानो के प्रति मक्के की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन करना और विस्तृत नूतन शंकर बीज को न्युमेटिक पौधरोपण एवं हार्वेस्टिंग मशीनो का विकास करने हेतु समय समय पर तकनिकी जानकारियों एवं सम्पूर्ण इको सिस्टम को मक्के की खेती हेतु धारणीय बनाने का प्रयास हो रहा है, ताकि उत्तर प्रदेश में मक्के के उत्पादन के क्षेत्र में एक नयी क्रांति लायी जा सके। आगामी जून माह में बृहद कृषक गोष्ठी और कृषक उत्पादक संघठन एवं कृषि विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर जागरूकता अभियान प्रारम्भ किया जायेगा, जिसका लाभ प्रदेश के किसानों को मिल सके। पूर्वांचल को मक्के के उत्पादन हेतु सर्वप्रथम चुना गया और इनके नेतृत्व में लगभग 100 एकड़ मक्के की फसल की बुवाई आईजीएल के सहयोग से अब तक कराई जा चुकी है और इसके साथ ही आईआईएमआर के साथ इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से शोध किये गए नए मक्का हाइब्रिड बीज़ के द्वारा उच्च फसल उत्पादकता और एथेनॉल उत्पादन में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
उक्त कार्यक्रम में आईजीएल के बिज़नेस हेड और यूपीडीए के अध्यक्ष एस के शुक्ल ने बताया की यूपीडीए भारत के इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।