हम भारती न्यूज़ से जिला गोरखपुर थाना गोरखनाथ रिपोर्टर विवेक कुमार श्रीवास्तव
गोरखनाथ मंदिर में योग साधना कार्यक्रम वर्षों से अनवरत चला रहा है। गुरु गोरखनाथ ने हठयोग का सिद्धांत दिया था। इसके माध्यम से उन्होंने शरीर शुद्धि, आचरण शुद्धि, व्यवहार शुद्धि और जीवन शुद्धि का मार्ग प्रशस्त किया। पहले योग केवल साधु-संतों एवं महात्माओं तक ही सीमित था। महंत दिग्विजयनाथ ने इसका प्रचार-प्रसार कर जनता के बीच में पहुंचाया। लोगों को इसके लाभ से अवगत कराया। इसके बाद उनके शिष्य ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने 1982 में योग शक्ति से आध्यात्मिक, मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए गोरखनाथ मंदिर परिसर में ही योग संस्थान का शुभारंभ किया। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कई योग शिक्षक अलग-अलग हिस्सों में राष्ट्रहित का कार्य कर रहे हैं। वहीं कुछ विदेशों में योग कक्षाएं भी संचालित करते हैं।