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नेपाल से छोड़े गये पानी से पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर बिहार में बाढ़ जैसे हालात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण

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 नेपाल से छोड़े गये पानी से पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर बिहार में बाढ़ जैसे हालात




मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण


बीते 7 जुलाई को महराजगंज के डीएम अनुनय झा और एसपी सोमेंद्र मीणा ने किया था बाढ़ग्रस्त क्षेत्र सोहगीबरवा का दौरा


हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास खबर


पटना महराजगंज  जहां एक तरफ उत्तरी बिहार में विभिन्न स्थानों पर नदियों के उफान पर होने के कारण जन-जीवन पूरी तरह से पटरी से उतर गया है। लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। मवेशियों के लिए चारे का भी संकट पैदा होने लगा है। वहीं दूसरी तरफ पूर्वी उत्तर प्रदेश के महराजगंज और कुशीनगर जिले जिले में बाढ़ का संकट बढ़ता जा रहा है।

इसको लेकर जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। सीएम के दौरे के बाद बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों में पहले से अधिक तेजी देखी जा रही है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का निर्देश भी दिया। सीएम के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं और आवश्यक सहायता पहुंचायी की जा रही है। वहीं यूपी के महराजगंज जिले के सोहगीबरवा क्षेत्र में बाढ़ग्रस्त इलाकों का डीएम अनुनय झा और एसपी सोमेंद्र मीणा ने दौरा कर जायजा लिया।


बागमती और नारायणी नदी में बढ़ा जल स्तर


कई नये इलाकों में पानी भर जाने से तिरहुत प्रमंडल के विभिन्न जिलों में बीते 24 घंटे में कई नए इलाकों में पानी पहुंच जाने से आवागमन प्रभावित हुआ है। जन-जीवन पटरी से उतर गया है। लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। मवेशियों के लिए चारे का संकट पैदा होने लगा है। सबसे अधिक चिंताजनक हालात पश्चिम चंपारण जिला में हैं। नेपाल से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण वाल्मीकि नगर गंडक बराज अपनी क्षमता की अधिकतम सीमा तक भर गया है। गंडक के साथ-साथ सिकरहना नदी भी उफान पर है। भितहा के सेमरवारी पंचायत में करहिया- बसौली मुख्य मार्ग तेज बहाव में टूटने से आवागमन बाधित हो गया है। लौरिया- नरकटियागंज मार्ग पर स्थित ऐतिहासिक अशोक स्तंभ परिसर भी सोमवार की दोपहर जलमग्न हो गया। शिवहर में भी बागमती नदी के उफान पर होने के कारण कई इलाकों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। निचले इलाकों के लोग पलायन कर रहे हैं। पूर्वी चंपारण जिले में बूढ़ी गंडक नदी में पानी बढ़ने के साथ ही ग्रामीणों को आवागमन की चिंता सताने लगती है। भेलवा पंचायत के सबली गांव में करीब 1200 लोग प्रभावित हैं।


नेपाल से कब कितना पानी आया


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल ने बीते शनिवार से अब तक करीब 22 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। इससे गंडक नदी पर बना वाल्मीकि नगर बैराज पर जल स्तर उच्चतम बाढ़ स्तर 112.40 मीटर के मुकाबले 109.667 मीटर पर पहुंच गया है। बैराज से शनिवार की रात 10 बजे 3.32 लाख क्यूसेक और रात 12 बजे 3.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। रविवार सुबह दो बजे 4.12 लाख, चार बजे 4.24 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सोमवार को 2 लाख 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना है। नेपाल कोसी बैराज से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।


बता दें कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए डीएम और एसपी ने सोहगीबरवा और झुलनीपुर बैराज का दौरा कर संबंधित अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने पहले झुलनीपुर बैराज और और सोहगीबरवा का निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया।


जिलाधिकारी ने सभी बाढ़ चौकियों को हाई अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया। साथ ही तटबंधों की लगातार निगरानी और सुदृढ़ीकरण और बाढ़ से बचाव संबंधी समस्त तैयारियों को चाक-चौबंद रखने का भी निर्देश दिया।


बता दें कि नारायणी नदी और बिहार क्षेत्र में पड़ने वाले रोहुआ नाला में जलस्तर में वृद्धि के कारण सोहगीबरवा क्षेत्र के गांव पूरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हैं।

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