बरेली के फरीदपुर थाने में इंस्पेक्टर रामसेवक ने स्मैक तस्करी के आरोप में पकड़े गए आरोपियों को सात लाख रुपये रिश्वत लेकर छोड़ दिया था। इसकी शिकायत पर पुलिस अफसरों ने छापा मारा तो इंस्पेक्टर दीवार फांदकर भाग गया था। उसके कमरे से 9.85 लाख रुपये बरामद हुए थे
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
बरेली बरेली के फरीदपुर थाने में निलंबित इंस्पेक्टर रामसेवक ने स्मैक तस्कर आलम व नियाज अहमद को बिना कार्रवाई छोड़ने के बदले सात लाख रुपये लिए थे। विवेचक सीओ हाईवे नितिन कुमार ने तीसरे आरोपी अशनूर के बयान के आधार पर रामसेवक के खिलाफ दर्ज मुकदमे में दोनों तस्करों के नाम बढ़ा दिए हैं। थाने के कई पुलिसकर्मी भी तस्करों के संपर्क में थे। इनके बारे में जानकारी जुटाने के लिए कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है।
पुलिसिया पूछताछ में अशनूर ने बताया कि वह स्मैक और अफीम की तस्करी करने वाले आलम व नियाज अहमद से इस्तेमाल के लिए स्मैक व अफीम खरीदता था। सीओ हाईवे का कहना है कि अशनूर के बयान से साफ हो गया है कि आलम व नियाज अहमद स्मैक तस्करी करते हैं। दोनों को पुलिस पकड़कर थाने लाई थी और बाद में छोड़ दिया गया था। इसका सीसीटीवी फुटेज भी है।
तस्करों ने कार्रवाई से बचने के लिए इंस्पेक्टर को रिश्वत दी थी। अशनूर के बयान के आधार पर आलम व नियाज अहमद के नाम मुकदमे में शामिल किए हैं। कॉल डिटेल मिलने के बाद अन्य आरोपियों के नाम भी मुकदमे में शामिल किए जाएंगे।
ये है मामला
इंस्पेक्टर रामसेवक ने स्मैक तस्करी के आरोप में नवदिया अशोक निवासी आलम, नियाज अहमद और अशनूर को 21 अगस्त को थाने में बैठा लिया था। बाद में सात लाख रुपये लेकर आलम व नियाज अहमद को रात में छोड़ दिया था। रुपये नहीं देने के कारण अशनूर को हवालात में ही रखा गया।
अगले दिन सुबह सूचना मिलने पर एसपी दक्षिणी मानुष पारीक, सीओ फरीदपुर गौरव सिंह ने छापा मारा तो इंस्पेक्टर रामसेवक सरकारी पिस्टल और मैगजीन के साथ थाने की दीवार फांदकर भाग निकला। उसके आवास से पुलिस ने 9.85 लाख रुपये बरामद किए थे। सीओ गौरव सिंह ने रामसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले की विवेचना सीओ हाईवे नितिन कुमार कर रहे हैं।