यूपी के जौनपुर में हाइवे के लिए भूमि अधिग्रहण मामले में करोड़ों रूपए के घोटाले का मामला
घोटाले में चार राजस्व निरीक्षक समेत 10 कर्मचारी दोषी, सीएम ने दिए सस्पेंड करने के आदेश
नियुक्ति विभाग की रिपोर्ट में कार्यालय सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्यापित जौनपुर में तैनात राजस्व निरीक्षक संतोष तिवारी, उदयराज, शिवकुमार व बृजेश सिंह को फर्जी भुगतान में दोषी ठहराया गया है
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
लखनऊ जौनपुर जौनपुर में हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण मामले में किए गए घोटाले में चार राजस्व निरीक्षकों समेत 10 कर्मचारी दोषी मिले हैं। घोटाले में 4 करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्जी भुगतान किया गया था। इसके लिए जाली दस्तावेजों के सहारे 46 काश्तकार खड़े किए गए थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोषी सभी 10 कर्मचारियों व अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दे दिए हैं। नियुक्ति विभाग ने कार्रवाई के लिए संबंधित फाइल राजस्व विभाग को भेज दी है।
बता दें कि जौनपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-135 ए (मडियाहूं बाईपास), 56-731 बी के लिए चार तहसीलों बदलापुर, मडियाहूं, मछली शहर और सदर के कुल 14 गांवों में जमीन अधिग्रहीत की गई थी। जांच में सामने आया कि सक्षम प्राधिकारी, भूमि अध्यापित-राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यालय की मदद से 46 काश्तकारों की फर्जी पत्रावलियां तैयार की गईं। उन्हें भुगतान के लिए 4,54,42,759 रुपये का चेक जारी किया गया। इसमें 4,00,29,741 रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। शेष 54,13,018 का चेक जांच समिति ने रद्द कर दिया।
ये कर्मचारी दोषी पाए गए
नियुक्ति विभाग की रिपोर्ट में कार्यालय सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्यापित जौनपुर में तैनात राजस्व निरीक्षक संतोष तिवारी, उदयराज, शिवकुमार व बृजेश सिंह को फर्जी भुगतान में दोषी ठहराया गया है। इसके अलावा अमीन मिलानकर्ता के पद पर तैनात अनिल यादव, अनिल मंडल, हिमांशु शर्मा, रोबिन साहू, आशीष कुमार सिंह और सौरभ मौर्या भी दोषी पाए गए हैं। शासन के सूत्रों के मुताबिक इस मामले में आगे की कार्रवाई राजस्व परिषद को करनी है। इसलिए यह रिपोर्ट परिषद को भेजी जा रही है।
बता दें कि इस मामले में अपर जिलाधिकारी भू राजस्व व सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्यापित गणेश प्रसाद को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।