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ए आई आधारित डेटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण डिवाइस को किया गया विकसित

 ए आई आधारित डेटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण डिवाइस को किया गया विकसित 




हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर


 गोरखपुर दिग्विजयनाथ पी.जी. कॉलेज गोरखपुर के कंप्यूटर विज्ञान एवं बीसीए विभाग के शिक्षकों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अन्य विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के शिक्षकों के आपसी सहयोग से "AI आधारित डेटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण डिवाइस’’ के डिजाइन का पेटेंट ग्रांट ,पेटेंट कार्यालय भारत सरकार द्वारा प्राप्त किया है। 

डॉ पवन कुमार पाण्डेय, विभागाध्यक्ष कंप्यूटर विज्ञान विभाग ने इस डिवाइस के बारे जानकारी देते हुए बताया कि आज के डिजिटल युग में, डेटा की मात्रा और जटिलता तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते एक ऐसे डिवाइस की आवश्यकता महसूस हुई जो न केवल डेटा को प्रोसेस कर सके बल्कि उसका गहन विश्लेषण करके उपयोगी अंतर्दृष्टि भी प्रदान कर सके। इसी संदर्भ में "AI आधारित डेटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण डिवाइस’’ विकसित किया गया है। यह डिवाइस अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में डेटा से संबंधित समस्याओं का समाधान करता है। यह डेटा के बड़े सेट्स को स्वचालित रूप से प्रोसेस करता है व डेटा को प्रारूपित, फ़िल्टर, और वर्गीकृत करता है, जिससे जटिल डेटा संरचनाओं का प्रबंधन आसान हो जाता है। डिवाइस में एक इंटरेक्टिव इंटरफ़ेस है जो उपयोगकर्ता को डेटा अपलोड करने, विश्लेषण के लिए मापदंड सेट करने, और परिणाम को समझने में सहायता करता है।  

डॉ पाण्डेय ने बताया कि अगर हम डिवाइस के कार्यप्रणाली की बात करें की डिवाइस विभिन्न स्रोतों जैसे कि loT डिवाइस, क्लाउड सर्विसेज, और ऑन-प्रिमाइस डेटाबेस से डेटा संग्रह करता है। डिवाइस इनकंप्लीट और असंगत डेटा को पहचानकर उसे सही प्रारूप में परिवर्तित करता है। यह डिवाइस डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के उच्च मानकों को सुनिश्चित करता है। उपयोगकर्ता का डेटा एन्क्रिप्टेड रूप में प्रोसेस होता है और बाहरी हस्तक्षेप से सुरक्षित रहता है। यह डिवाइस भविष्य की तकनीकी चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करता है। यह डिवाइस न केवल डेटा प्रबंधन को आसान बनाता है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति की संभावनाओं को भी बढ़ाता है।

डॉ पाण्डेय ने बताया कि इस पेटेंट डिजाइन को तैयार करने में हमारे अन्य साथियों का बड़ा महत्व है बिना उनके सहयोग से यह संभव नहीं था, इस सहयोग में डॉ ललित बंसल, एसोसिएट प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट,महर्षि मार्कण्डेश्वर डीम्ड यूनिवर्सिटी, मुलाना अम्बाला हरियाणा, हरीश सैनी, कैंपस हेड, कोडक्यूशन्ट स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी, पानीपत, हरिशंकर गुप्ता एवं अनुराधा सिंह, बी.सी.ए विभाग, दिग्विजयनाथ पी.जी. कॉलेज, प्रो मनमोहन शुक्ला, ग्रुप डायरेक्टर, पी.एस.आई.टी, कानपुर, डॉ मोहित कुमार, आचार्य, छत्रपति शाहू जी महाराज, विश्ववविद्यालय, कानपुर, प्रो आशीष मल्लिक, डायरेक्टर, एक्सिस हायर एजुकेशन, कानपुर, डॉ अरुणेंद्र नाथ त्रिपाठी, सहायक आचार्य, मारवाड़ बिजनेस स्कूल एवं मंजूर अंसारी, टालरिंग कंपनी, नोएडा द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश सिंह ने डॉ पवन एवं उनकी टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा की महाविद्यालय सहित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के लिए पुनः यह ऐतिहासिक पल है। आज का समय पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का है और ऐसे विषय पर डिवाइस डिजाइन का पेटेंट ग्रांट प्राप्त कर डॉ पवन और उनकी टीम ने हमें गौरवान्वित किया है।

प्रो परीक्षित सिंह, कोऑर्डिनेटर, आई.क्यू.ए.सी., ने भी बधाई देते हुए कहा की ये पल संस्था के लिए गौरव का पल है, महाविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान एवं बीसीए के शिक्षकों ने संस्था के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। हमारा महाविद्यालय निरंतर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानकों के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है।

उक्त जानकारी महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ शैलेश कुमार सिंह ने दी।

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