Type Here to Get Search Results !

https://www.facebook.com/humbharti.newslive

सारण डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण की निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की हुई बैठक

 हम भारती न्यूज़ 

संवाददाता मोहम्मद अशरफ जिला ब्यूरो चीफ सारण बिहार 




सारण डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण की निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की हुई बैठक


सारण डीएम अमन समीर की अध्यक्षता में गुरुवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण की जिला स्तरीय निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आहुत की गई।

     बताया गया कि वर्ष 2018 से 2024 तक इस अधिनियम के तहत जिला में कुल 2314 काण्ड दर्ज हुये हैं। इनमें से 1954 मामलों में प्राथमिकी के उपरांत  पीड़ित/आश्रित व्यक्ति को प्रथम क़िस्त के मुआवजे का भुगतान किया गया है।इनमें से 486 मामलों में मुआवजे की दूसरी क़िस्त का भी भुगतान किया गया है।चार्जशीट की कॉपी उपलब्ध नहीं होने के कारण द्वितीय किश्त के भुगतान हेतु 279 मामले लंबित पाये गये। जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक एवं विशेष लोक अभियोजक को एक महीने का विशेष कैम्प लगाकर इन सभी मामलों में चार्जशीट की कॉपी उपलब्ध कराने को कहा ताकि द्वितीय किश्त का भुगतान अविलंब किया जा सके।

   दो वर्ष से अधिक पुराने कुल 35 मामलों में  चार्जशीट दायर नहीं किया गया है। इसकी गहन समीक्षा की गई। इन  सभी दर्ज कांडों में कितने में वारंट निर्गत किया गया, कितने निर्गत वारंट का तामिला कराया गया, कितने कोर्ट में प्रस्तुत किये गये तथा कितने में कुर्की जप्ती की कार्रवाई की गई , इस संबंध में कांडवार जानकारी देने को कहा गया।

    वर्त्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 512 पीड़ितों/आश्रितों को 3.05 करोड़ रुपये का मुआवजे का भुगतान किया गया है।साथ ही 51 व्यक्तियों को नियमित रूप से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। अद्यतन नवंबर 2024 तक के पेंशन का भुगतान किया गया है।

     इस अधिनियम के अंतर्गत दिनांक 19.09.2020 से प्रभावी प्रावधान के तहत किसी भी परिवार के कमाऊ सदस्य की हत्या के मामले में उनके परिभाषित आश्रित को अनुसेवक संवर्ग में सरकारी नौकरी दिया जाना है। जिला में ऐसे 10 मामलों में से अबतक 2 मामलों में आश्रितों को नौकरी दी गई है। अन्य 8 मामलों में आरोप का गठन होने के उपरांत आश्रितों को नौकरी देने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। इसके लिये पुलिस अधीक्षक एवं विशेष लोक अभियोजक को त्वरित कार्रवाई करने को कहा गया ताकि पीड़ित परिवारों के आश्रितों को नौकरी दी जा सके।

    स्पीडी ट्रायल के मामलों में गवाहों की उपस्थिति संतोषप्रद पाई गई। इसके तहत अन्य मामलों में भी गवाही की प्रक्रिया को पूर्ण कराने का निदेश दिया गया।

      इस अधिनियम के तहत गवाही के लिये न्यायालय में आने वालों को यात्रा भत्ता देने का प्रावधान किया गया है।ऐसे सभी लोगों को नियमानुसार प्रत्येक माह यात्रा भत्ता का ससमय भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया।

     बैठक में पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला लोक अभियोजक,विशेष लोक अभियोजक सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies