निलंबित कर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए सख्त कानून में गिरफ्तारी की जाए: रत्नाकर सिंह
दंभी तहसीलदार के शब्दों ने अधिवक्ताओं और पत्रकारों की भावनाओं को किया लहु लुहान
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
गोरखपुर के पूर्व तहसीलदार सदर ध्रुवेश कुमार सिंह द्वारा एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ किए गए अमर्यादित आचरण, पत्रकारों और अधिवक्ताओं को गाली गलौज के साथ जो जानमाल की और गिरफ्तार करने की धमकी दी गई है वह ना केवल अमर्यादित और लोकतंत्र के सर्वथा विपरीत है वरन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लोकमंगलकारी विधि व्यवस्था को भी चुनौती दे रहा है. ऐसे भाषाई भ्रष्ट, गालीबाज और निकृष्ट आचरण वाले व्यक्ति को तत्काल निलंबित करते हुए उन पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाना आवश्यक है.
उक्त विचार गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नाकर सिंह ने आज अपने बयान में व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि पत्रकार का काम सच को उजागर करना है वह किसी अधिकारी की मानसिक संतुष्टि और उसके चाटुकारता के लिए समाचार का लेखन नहीं करता है। ऐसे में उसके सत्य लेखन से निश्चित ही भ्रष्ट किस्म के लोगों को परेशानी होती है और ऐसे ही परेशानी के शिकार तहसीलदार सदर ध्रुवेश कुमार सिंह ने जिस प्रकार अपनी वैचारिक भ्रष्टाचार और अहंकार मिश्रित निकृष्ट आचरण का प्रदर्शन किया है उसे सभ्य समाज में कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इतनी बड़ी गलती के बावजूद भी पत्रकार लगातार उनसे सम्मानजनक शब्दों के प्रयोग के साथ ही वार्ता कर रहा था. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा उन्हें सिर्फ कार्य वापस ले लेने का दंड कहीं से भी पत्रकारो और अधिवक्ताओं की लहू लुहान भावनाओं पर मलहम नहीं लगता है.. योगी आदित्यनाथ जी सूबे के मुख्यमंत्री हैं और गोरखपुर में उनके अनगिनत संघर्षों में पत्रकारों ने और अधिवक्ताओं ने हरचंद सहयोग करते हुए साथ दिया है। आज पत्रकार और अधिवक्ता दोनों वर्ग पीड़ित है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से भी अपेक्षा है की इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए अपनी न्याय प्रिय शैली का परिचय देते हुए इस दम्भी अधिकारी को उसकी करनी का दण्ड दें।