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आज डीआर रिसोर्ट बहजोई में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित जनपद स्तरीय शिक्षा संगोष्ठी का किया गया आयोजन*

 हम भारती न्यूज़ 

मंडल ब्यूरो चीफ राजेश्वर सिंह 

संभल से खास खबर 





जनपद स्तरीय शिक्षा संगोष्ठी में मुख्य अतिथि रहीं पुनरुत्थान विद्यापीठ संस्थान अहमदाबाद की कुलपति डॉ. इन्दुमति काटदरे


भारत को जानो, भारत को मानो तथा भारतीय बनो... डॉ. इन्दुमति काटदरे


प्राचीन भारत  इस्पात के निर्माण तथा कारीगरी,तकनीकि आदि   क्षेत्र में था सर्वश्रेष्ठ... डॉ .इन्दुमति काटदरे

 

शिक्षक  का पहला कार्य स्वाध्याय होना चाहिए... जिलाधिकारी


शिक्षा अर्थ निरपेक्ष होनी चाहिए..जिलाधिकारी


सम्भल ( बहजोई) 2 मई 2025


आज  डीआर रिसोर्ट इस्लामनगर रोड़ बहजोई मे बेसिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग जनपद सम्भल में कार्यरत  समस्त शिक्षकों की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित जनपद स्तरीय शिक्षा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। भारत को जानों, भारत को मानों एवं भारतीय बनों तथा भारत जीतता है तो कोई हारता नहीं, बल्कि पूरा विश्व जीतता है टैग लाइन पर आधारित संगोष्ठी हुयी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  पुनरुत्थान विद्यापीठ अहमदाबाद गुजरात की कुलपति डॉ इन्दुमति काटदरे रहीं । सर्व प्रथम मुख्य अतिथि डॉ इन्दुमति काटदरे एवं जिलाधिकारी डॉ राजेन्द्र पैंसिया द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा द्वारा मुख्य अतिथि एवं जिलाधिकारी को  पुष्प देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के अन्तर्गत पुनरुत्थान विद्यापीठ संस्थान अहमदाबाद कि कुलपति डॉक्टर इंदुमती  काटदरे द्वारा शैक्षिक स्टाफ को प्राथमिकी स्तर से बेहतर गुणवत्तापूर्ण एवं  संस्कारी शिक्षा प्रदान किए जाने के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन व संवाद किया गया।मुख्य अतिथि  ने अपने संबोधन में कहा कि  जैसी शिक्षा होती है वैसा ही समाज या राष्ट्र होता है। व्यक्ति वैसा ही होता है जिस प्रकार की उसको शिक्षा प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि शिक्षक चार प्रकार के होते हैं प्रथम विषय का शिक्षक, द्वितीय छात्रों के शिक्षक उन्होंने कहा कि विधार्थी शिक्षक का मानस पुत्र होता है। तृतीय शिक्षक राष्ट्रीय होता है और चतुर्थ  वेतन के शिक्षक। हमें अपनी भाषा और देश पर गर्व करना चाहिए, भारतीय सबसे श्रेष्ठ इतिहास में रहे हैं।  भारत ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी तथा सम्पत्ति एवं चिरंजीविता में श्रेष्ठ रहा है।भारतीयों को भारत को जानना चाहिए। भारतीय ज्ञान व्यवस्था तभी यशस्वी होगी  जब हम भारत को  जानेंगे। उन्होंने  कहा कि अध्ययन करने वाले के लिए संयम अति आवश्यक है। उन्होंने प्राचीन  16 संस्कारों के विषय में भी बताया। भारतीय जीवन मूल्य सिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को मानों पर भी ध्यान देना चाहिए भारत विश्व गुरु बन सकता है। भारत को भारत बनाने का रास्ता कक्ष कक्षाओं से शुरू होता है। भारत प्राचीन देश है तथा विशाल भी है। उन्होंने कहा कि देश की समृद्धि उसकी प्राकृतिक सम्पदा पर आधारित होती है। भारत में कृषक तीन फसलों तक प्राप्त कर लेता है। भारतीय  इस्पात बनाने में निपुण थे तथा यहाँ की तकनीकी एवं कारीगरी सर्वश्रेष्ठ थी प्राचीन काल में। जिलाधिकारी ने मुख्य अतिथि के जीवन परिचय के विषय में बताया तथा उन्होंने कहा कि शिक्षक का पहला कार्य स्वाध्याय होना चाहिए। उन्होंने शिक्षा के तीन सिद्वान्तों पर भी चर्चा की उन्होंने कहा कि शिक्षा स्वायत्त होनी चाहिए। शिक्षा भारतीय होनी चाहिए तथा शिक्षा अर्थ निरपेक्ष होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा के सूत्रों पर भी चर्चा की शिक्षा आजीवन  होनी चाहिए तथा शिक्षा सर्वव्यापी होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा के दर्शन के विषय में कहा कि शिक्षा सभी  में आत्मीयता एकात्मता तथा देशभक्ति बढाने वाली होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रवेश सत्र चल रहा है  अधिकाधिक बच्चों का सरकारी विद्यालयों में प्रवेश हो। बच्चों के सरकारी विद्यालय में प्रवेश के लिए अभिभावकों को अध्यापक प्रेरित करें तथा शिक्षक  स्वाध्याय की आदत भी अपने अंदर विकसित करें। 

   मुख्य विकास अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि सभी शिक्षक राष्ट्र शिक्षक बनें । बच्चों  को सन्मार्ग पर लेकर जाएं। भारत को विश्व गुरु बनने में अपना योगदान दें। विद्यालय में होने वाली प्रार्थना में बच्चों को भारत की शिक्षा पद्धति श्रेष्ठ थी उसके विषय में अवश्य बताएं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के उपस्थित रजिस्टर की अध्यापक  विद्यालय में अपने पास रखें। कार्यक्रम  के समापन पर मुख्य अतिथि डॉ इन्दुमति काटदरे  एवं जिलाधिकारी को स्मृति चिन्ह् के रूप में भगवतगीता देकर सम्मानित किया गया। 

      शिक्षा संगोष्ठी कार्यक्रम चार सत्रों में सम्पन्न हुआ । चार  सत्र  डेढ़ डेढ़ घंटे के रहे। प्रथम सत्र अपराह्न 12:30 पर प्रारंभ हुआ जबकि अंतिम सत्र 7:30 बजे सम्पन्न हुआ। प्रथम सत्र में विकासखंड  पंवासा एवं गुन्नौर के शिक्षक सम्मिलित हुए जबकि द्वितीय  सत्र में असमोली एवं जुनावई तथा तृतीय सत्र में सम्भल, नगर सम्भल एवं रजपुरा तथा चतुर्थ सत्र में  विकासखंड बनिया खेड़ा तथा नगर चंदौसी एवं बहजोई के शिक्षक सम्मिलित हुए। 

     इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट, उप जिलाधिकारी सम्भल वंदना मिश्रा, डिप्टी कलक्टर शुभि गुप्ता, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा तथा खंड शिक्षा अधिकारी बहजोई मुंशी लाल पटेल सहित समस्त खंड शिक्षा अधिकारी तथा शिक्षक गण उपस्थित रहे। 

    जारी जिला सूचना कार्यालय सम्भल।

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