हम भारती न्यूज़
मंडल ब्यूरो चीफ राजेश्वर सिंह
संभल से खास खबर
कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी द्वारा एक जनपद पांच नदियों के पुनरुद्धार को लेकर की गई पत्रकार वार्ता
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सम्भल ( बहजोई) 11 जून 2025
आज कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ राजेन्द्र पैंसिया की अध्यक्षता में एक जिला पांच नदियों के जीर्णोद्धार से संबंधित पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि माननीय मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी द्वारा वन डिस्ट्रिक्ट वन रिवर अर्थात एक जिला एक नदी का पुनरुद्धार का आह्वान किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री जी के आह्वान के क्रम में जनपद में पांच नदियों सोत नदी,महावा नदी,अरिल नदी, वर्धमार नदी, महिष्मति नदी, को पुनरुद्धार के लिए लिया गया है। हालांकि सोत नदी का पुनरुद्धार कर लिया गया है और माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में इसका उल्लेख भी पूर्व में किया गया था। नदियों के पुनरुद्धार के अंतर्गत सहजन एवं बांस का वृक्षारोपण भी किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि सोत नदी जनपद सम्भल की सबसे लम्बी नदी है।इसकी लम्बाई लगभग 112 किमी है, यह नदी अमरोहा जनपद से जनपद सम्भल के ग्राम पंचायत मातिपुर धकतोड़ा से प्रवेश करती है। यह गंगा नदी की सहायक नदी है। जल संचयन एवं जल संरक्षण हेतु विलुप्त सोत नदी का लगभग 112 किमी का जनपद के पांच विकासखण्ड असमोली, सम्भल, पवांसा ,बहजोई एवं बनिया खेड़ा की 71 ग्राम पंचायतों को आच्छादित कर मनरेगा के माध्यम से जीर्णोद्धार कार्य कराया गया तथा इसके किनारे पर बांस का वृक्षारोपण भी किया गया था तथा जल की स्थिरता से मच्छर न फैलें इस कारण इसमें गैम्बूसिया मछली भी छोड़ी गयी थीं। इसमें मनरेगा के अन्तर्गत 172752 मानव दिवस को सृजित कर श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
महावा नदी की लम्बाई जनपद में 42.50 किमी है तथा यह भी एक विलुप्त नदी है तथा यह विकासखण्ड रजपुरा की ग्राम पंचायत सिरसा के ग्राम निरियावली से शुरू होकर विकासखण्ड गुन्नौर के ग्राम पंचायत मझोला फतेहपुर से होते हुए विकासखण्ड जुनावई की ग्राम पंचायत पुसावली होते हुए जिला बदायूं में प्रवेश करती है। यह जनपद में 38 ग्राम पंचायतों में प्रवाह करती है, जिसमें लगभग 11.90 किमी का जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण किया गया तथा अवशेष ग्रामों में कार्य चल रहा है।इसमें लगभग 48043 मानव दिवस को सृजित कर लिया गया।जिलाधिकारी ने अरिल नदी के पुनरुद्धार के विषय में भी बताया उन्होंने बताया कि जनपद संभल में इसकी लंबाई 22.60 किलोमीटर है तथा यह वर्तमान में पूर्ण रूप से विलुप्त है और इसका उद्गम स्थल जनपद के विकासखंड असमोली के ग्राम पंचायत गुमसानी से होता है तथा ग्राम पंचायत ठाक शहीद से बहकर जनपद मुरादाबाद में प्रवेश करती है इसके उपरांत जनपद संभल के विकासखंड बनिया खेड़ा के ग्राम पंचायत अकरौली में बहती है यह नदी 19 ग्रामों में प्रवाह करती है जिसमें लगभग 1 8.50 किलोमीटर के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण कर लिया गया है अवशेष ग्रामों में कार्य चल रहा है। इससे लगभग 2855 मानव दिवसों को सृजित कर लिया गया है। वर्धमार नदी के विषय में बताते हुए कहा कि इसकी लम्बाई जनपद में 14.10 कि.मी है जोकि पूर्ण रूप से विलुप्त हो चुकी है। यह नदी 11 ग्राम पंचायतों में प्रवाह करती है, जिसमें कार्य चल रहा है। इसमें लगभग 906 मानव दिवस को सृजित कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने महिष्मति नदी के विषय में बताते हुए कहा कि यह जनपद के प्राचीन 87 तीर्थों में से एक है इसको भैंस नदी के रूप में आज जाना जाता है। कैचमेंट एरिया में शामिल मणिकर्णिका तीर्थ के समीप खुदाई का कार्य प्रारंभ किया गया है तथा इस नदी के बहाव क्षेत्र की अपस्ट्रीम एवं डाउनस्ट्रीम का सर्वे का भी कार्य आरम्भ हुआ है। महिष्मति नदी के पुनर्जीवन प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध पर्यावरण विज्ञानी नदी विशेषज्ञ, तथा नमामि गंगे के सलाहकार प्रोफेसर डॉ वेंकटेश दत्त की टीम द्वारा नदी के अपस्ट्रीम से लेकर डाउनस्ट्रीम तक के क्षेत्र का नगरपालिका, तहसील प्रशासन के साथ स्थलीय सर्वे किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इसकी डीपीआर तैयार करा रहे हैं ताकि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर सीवर को एक जगह पहुचाया जाए तथा दूसरी ओर इस को नहर से जोड़ कर इसमें पूरे वर्ष जल बहे यह योजना बनायी जा रही है।
जिलाधिकारी ने बताया कि वर्षा जल संरक्षण के लिए राजस्थान के राजेन्द्र सिंह जिनको जल पुरुष के नाम से भी जाना जाता है के सुझाव पर जनपद में वर्षा जल संरक्षण के लिए मनरेगा के माध्यम से गौशालाओं तथा अन्य स्थानों पर ट्रेंच भी बनाये जाएंगे ताकि इनमें वर्षा जल संरक्षण हो सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट तथा जिला विकास अधिकारी राम आशीष एवं पत्रकार बन्धु उपस्थित रहे।
जारी जिला सूचना कार्यालय सम्भल।