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प्रयागराज
25 जनवरी 2022 को न्यायालय का आएगा ऐतिहासिक फैशला,प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की जन्मस्थली मीरगंज,इलाहाबाद में वर्षों से चल रहे देहव्यापार की मंडी में पकड़े गए मानव तस्करों को होगी सजा.
देहव्यापार से जुड़े मानवतस्करो को उम्र कैद सजा होने की मांग - सुनील चौधरी,अधिवक्ता उच्चन्यायालय
आइये जानते है एक ऐसे संघर्ष को जिसने प्रयागराज की धरती पर लगे कलंक को मिटाने का काम कर मा. प्रधानमंत्री जी के नारे "बेटी बचाओ बेटो पढ़ाओ" को जमीनी स्तर से कामयाब किया है ।
कहते है प्रयागराज में आजादी के बाद से ही इलाहाबाद के मीरगंज एरिया में देह व्यापार चलने लगा था ।आप सभी को यह जानकर हैरानी होगी कि प्रयागराज के मीरगंज क्षेत्र में देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जन्मस्थली 77 मीरगंज भी है। प्रयागराज में खुलेआम मानव तस्करी के अड्डे जो मीरगंज कोठों के रूप में जाने जाते थे जहां पर छोटी-छोटी बच्चियों /महिलाओ को अलग अलग राज्यों से लाकर दलाल उनको बेचकर उनसे जबरन देह व्यापार कराया जाता था ।यह कार्य खुलेआम स्थानीय पुलिस की सह पर होता था जिसमें पुलिस कांस्टेबल से लेकर एसएससी ,आईजी डीआईजी व अन्य अधिकारियों तक महीने में लाखो रुपये पहुंचाए जाते थे ।दलालों और पुलिस की सांठगांठ से यह घृणित कार्य वर्षों से परंपरागत चलता चला रहा था।
विधायक ,सांसद ,मंत्री नेता लोग महिला सुरछा और अधिकार का भाषण प्रति वर्ष महिला दिवस 2 अक्टूबर को देते आते थे उनको बयान देने में शर्म भी नही आती थी जबकि मीरगंज में बच्चियों के बेचे जाने का कोठा भी चलता था।*
तभी वर्ष 2014 में हाइकोर्ट के अधिवक्ता, समाजसेवी सुनील चौधरी ने इस मुद्दे को हवा दिया ।और यह ठान लिया ऐसे घृणित कार्य मानव तस्करी के अड्डे को बंद कराएंगे ।अधिवक्ता सुनील चौधरी ने मीरगंज के रेड लाइट एरिया के कोठो को बंद कराने के लिए इलाहाबाद के घंटाघर पर स्थित छुननन गुरु की प्रतिमा पर लगातार 9 महीने तक दिन रात धरना दिया ।धीरे-धीरे स्थानीय लोग, महिलाएं जुड़ते गए ।अधिवक्ता श्री चौधरी ने इस आंदोलन को और तेज किया और स्थानीय विधायक श्री अनुग्रह नारायण सिंह,श्री परवेज अहमद टंकी ,श्री आशिफ जाफरी,श्रीमती पूजा पाल जी आदि अन्य कई विधायक व सांसद ,पार्षदों ने भी इस आंदोलन पर हस्ताक्षर अभियान के दौरान हस्ताक्षर कर मीरगंज के कोठे बंद कराए जाने का समर्थन किया। तत्कालीन जिलाधिकारी संजय कुमार व एसपी सिटी राजेश यादव का विरोध करते हुए सुनील चौधरी ने उनके नाम का कोठो का दलाल कहते पोस्टर भी शहर में लगवा दिया था। पुलिस प्रशासन नहीं चाहता था कि कोठे हमेशा के लिए बंद हो ।अधिकारियों के नजर अंदाज करने पर अधिवक्ता सुनील चौधरी ने अपने सामाजिक कार्यकर्ताओं,महिलाओं के साथ सैकड़ों की संख्या में मीरगंज के अंदर रैली निकालकर प्रदर्शन किया। कुछ दलालों के द्वारा जान से मारने की धमकियां भी दी गई,हमला भी हुआ जिसकी FIR भी दर्ज कराई गई। उसी समय मीरगंज में 2 CRPF के जवानों की हत्या भी हुई थी।लेकिन निडरता से चौधरी जी ने आंदोलन को जारी रखा ।तत्कालीन एसडीएम हर्षिता माथुर ने आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस प्रशासन की मदद से लाठियों से मरवा कर सुनील चौधरी को वर्ष 2015 में जेल भेज दिया ।उसके बाद भी सुनील चौधरी टूटे नहीं और जेल से छूटने के बाद माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की ।याचिका में इलाहाबाद के तत्कालीन डीएम संजय कुमार व एसपी सिटी राजेश यादव ने झूठा शपथ पत्र देकर कहा की मीरगंज में कोई भी रेड लाइट एरिया/ देह व्यापार का अड्डा नहीं है। जिस पर अधिवक्ता सुनील चौधरी के द्वारा आपत्ती जताते हुए माननीय न्यायालय को सबूत देने पर पर उच्चन्यायालय इलाहाबाद के तत्कालीन मुख्य न्यायमूर्ति माननीय डी वाई चंद्रचूड़ व माननीय यशवंत वर्मा जी की पीठ के आदेश पर जिला प्रशासन ने सुनील चौधरी की मौजूदगी में मीरगंज के समस्त कोठे सील कराते हुए मानव तस्करों/ वेश्याओं को गिरफ्तार कर नाबालिग बच्चियों व महिलाओं को मुक्त कराया था ।
*सुनील चौधरी की एक अन्य याचिका के निर्देश के क्रम में मकान नम्बर 77 मीरगंज मकान जो नेहरू जी की जन्मस्थली है को भी जिला प्रशासन ने चिन्हित कर लिया था।जिसको राष्ट्रीय धरोहर के रूप में निर्माड किया जाना था।
*तत्कालीन जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय स्तर पर मानवतस्करो के विरुद्ध बहुत बड़ी कार्रवाई की थी। कमिश्नर श्री राजन शुक्ला ने अधिवक्ता सुनील चौधरी को दलालों से मिल रही धमकी,हमला होने पर सुरक्षा गनर भी उपलब्ध कराए जाने का आदेश पारित किया था। इस बड़ी कार्रवाई पर तत्कालीन जिलाधिकारी संजय कुमार ने खुद अपना नाम प्रस्तावित करते हुए मा. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपना नाम भेजा जिस पर उनको महिला सशक्तिकरण पर प्रशस्ति पत्र पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था ।आपको बता दें की यह वह दौर था जब अखिलेश यादव जी अधिकारियों को आए दिन पुरस्कार देने में चर्चित हो गए थे। अखिलेश यादव के द्वारा बिना मामले की जांच कराएं तत्कालीन डीएम संजय कुमार को सम्मानित किए जाने पर इलाहाबाद के कई अधिवक्ताओं,व्यापारियों,महिला संघठनो ,सामाजिक लोगों ने निंदा कर पत्र भी लिखकर आपत्ती भी किया था।
चौधरी जी ने उसके बाद उत्तर प्रदेश में कई जिलों मेरठ ,वाराणसी,अलीगढ़,सहारनपुर, बस्ती,मऊ,बलिया आदि शहरों में चल रहे मानवतस्करी के अड्डे /देहव्यापार की मंडी को बंद कराने की मुहिम चलाते हुए 2018 में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के पर उच्च न्यायालय ने मेरठ के 75 कोठो को बंद कराने व 400 सेक्सवर्करो को मुक्त कराने का आदेश पारित किया था।जिस पर मेरठ प्रशासन एसएसपी नितिन तिवारी व जिलाधिकारी अनिल ढींगरा के द्वारा कोठे न होने के झूठा सपथ पत्र दाखिल करने पर कोर्ट ने फटकार लगाई थी और शासन को झूठा शपथपत्र दाखिल करने पर ,अधिकारियो के खिलाफ कार्य वाही का आदेश माननीय न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार( चतुर्थ)की पीठ के द्वारा दिया गया था। मेरठ जिले के कोठों को बंद किए जाने का आदेश माननीय मुख्य न्यायमूर्ति श्री गोविंद माथुर व मा.न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी जी की पीठ ने अपर मुख्य सचिव लखनऊ को दिया था और न्यायालय ने दोबारा सुनील चौधरी को सुरछा दिए जाने का आदेश पारित किया था।
वाराणसी,मऊ,बस्ती,अलीगढ़,सहारनपुर,आगरा ,बलिया आदि जिलों के कोठो को बंद कराये जाने का मामला उच्चन्यायालय में विचाराधीन है।
वर्तमान समय में इलाहाबाद हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव श्री एस डी सिंह जादौन के द्वारा भी प्रमुख सचिव गृह (उच्च स्तरीय कमेटी) लखनऊ को 18 जनवरी को पत्र भेजकर हाइकोर्ट अधिवक्ता सुनील चौधरी को मानवतस्करो/ दलालो से जान का खतरा होने पर तत्काल सुरछा दिलाये जाने के लिए पत्र लिखकर निवेदन किया है।
25 जनवरी 2022 को जिला न्यायालय के द्वारा मानवतस्करो व कोठा संचालिकाओं को सजा सुनाई जाएगी।
देहव्यापार से जुड़े मानवतस्करो को उम्र कैद सजा होने की मांग - सुनीलचौधरी,अधिवक्ता उच्चन्यायालय
जनवरी 25, 2022
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