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डॉ भीमराव अंबेडकर का परिनिर्माण दिवस मनाया गया। जिसमें डॉ भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलने का आह्वान किया।

 हम भारती न्यूज़

मंडल ब्यूरो चीफ राजेश्वर सिंह

संभल से खास खबर


सम्भल(नये समाज का दर्पण)। सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता समिति भारत की बैठक में भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर का परिनिर्माण दिवस मनाया गया। जिसमें डॉ भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलने का आह्वान किया।


समिति के प्रधान कार्यालय पर सम्पन्न हुई सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता समिति की बैठक की शुरुआत राष्ट्रीय अध्यक्ष हरद्वारी लाल गौतम, राष्ट्रीय महासचिव कुसुम, राष्ट्रीय महाप्रबंधक रूबी तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नाहिद रजा ने बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर की।

राष्ट्रीय अध्यक्ष हरद्वारी लाल गौतम ने बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ अंबेडकर किसी जाति विशेष के नेता नही थे बल्कि बह सम्पूर्ण समाज के मसीहा थे। उन्होंने समाज के प्रत्येक व्यक्ति को समानता का अधिकार दिया। इसके साथ ही उन्होंने सर्व समाज को शिक्षित बनो,संगठीत हो तथा संघर्ष करो सिद्धांतों दिया। राष्ट्रीय महासचिव कुसुम ने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर ने समाज में फैली कुरूतियों को दूर करने में मुख्य भूमिका निभाई। बाबा साहेब चाहते थे कि समाज में ना कोई छोटा है और ना ही कोई बड़ा। बल्कि सभी बराबर है। जिसके कारण बाबा साहेब ने भारतीय संविधान का निर्माण करते समय महिलाओं को भी पुरूषों के समान बराबरी का अधिकार दिया। डॉ अंबेडकर का संपूर्ण जीवन भारतीय समाज में सुधार के लिए समर्पित था। उन्होंने प्राचीन भारतीय ग्रंथों का विशद अध्ययन कर यह बताने की चेष्टा की कि भारतीय समाज में वर्ण व्यवस्था,जाति प्रथा तथा अस्पृश्यता का प्रचलन समाज में आयी कालान्तर मे आई विकृतियों के कारण उत्पन्न हुई है।न कि यह यहां के समाज में प्रारंभ से ही विद्यमान है।

राष्ट्रीय महाप्रबंधक रूबी ने बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत के संविधान निर्माता,चिंतक और समाज सुधारक डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14अप्रैल 1891 को हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई रामजी सकपाल था। वे अपने माता पिता की 14 वीं संतान थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक बुरिइयों जेसे छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ संघर्ष में लगा दिया। तथा उन्होंने जीवन पर गरीब, दलितों और शोषितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे।

बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नाहिद रजा, रजनी कान्ता चौहान, मन्जू सक्सेना, डॉ नायरा जौहर, चिंकी दिवाकर, साक्षी शर्मा, भारती ठाकुर, डॉ शहजाद अहमद, डॉ मौ इरफान खान, डॉ जिकरूल हक, डॉ राजवीर सिंह, डॉ अनुराग रस्तोगी, डॉ मौ शाबेज, डॉ मौ ओवैस, डॉ नितिन दालभ, त्रिवेदी प्रकाश सर्राफ, डॉ ए एच रजा, सुशील कुमार भगत जी, डॉ प्रदीप कुमार त्यागी, शशी बाला गौतम आदि ने भाग लिया।

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