कर्म के बिना भगवान सब कुछ करने में सक्षम है- संत सतीश चंद दुबे
हम भारती न्यूज से गोरखपुर मण्डल ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
विन पद चलइ सुनहिं बिन काना। कर विधि कर्म करहिं विधि नाना।।
भगवान बिना पैर के चल सकते हैं , बिना कान के सुन सकते हैं और बिना कर्म किए सब कुछ करने में सक्षम है। भाव के अनुसार भगवान अपने भक्त को मिलाते हैं।
उक्त बातें निरंकारी संत सतीश चंद्र दुबे ने कही । वह घघसरा नगर पंचायत के ग्राम कुसम्हा खुर्द में निरंकारी संत सम्मेलन में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ईश्वर को हम साधारण आंखों से न देखा सकते और नहीं छू सकते हैं। संसार में जो कुछ भी हमें दिख रहा है, वह भगवान की ही रचना है।
मनुष्य अपने कर्म अनुसार संसार में फल भोगता है। पूर्ण भी अच्छे कर्मों से अर्जित करता है। कहने का आशय यह है कि -व्यक्ति द्वारा किया हुआ कर्म ही प्रतिफल के रूप में उसे मिलता । बुरे कर्म का बुरा और अच्छे कर्म का अच्छा फल मिलता है। शरीर का नाश होने पर जैसे उसके नाम नहीं मिटते, वैसे उसके अच्छे-बुरे कर्म भी नहीं मिटते। उसके भोगना ही पड़ता है। उक्त- अवसर पर दीनानाथ, हरिराम,रवि राज, इंद्रदेव, शिवम सिंह, राजेंद्र मौर्य, आरजे ट्रेलर, गौरी, छोटेलाल, प्रहलाद, राम जी, धर्मेंद्र, प्रेम शंकर, राजेश,रामशरण चौधरी आदि लोग मौजूद रहे।