एस आई टी न्यायालय में चल रहे सीबीआई द्वारा जांच का मुकदमा को प्रयागराज अदालत में चलाने से हाईकोर्ट का इंकार
मऊआइमा के कई अधिवक्ताओं के खिलाफ गैंग रेप का मुकदमा दर्ज हुआ है,
प्रयागराज।। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई द्वारा किए गए अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमों की जांच का मुकदमा एस आई टी न्यायालय लखनऊ में चलने को लेकर हाईकोर्ट से एस आई टी का मुकदमा प्रयागराज में चलाने कि मांग को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।यही नहीं न्यायालय ने सामूहिक दुराचार के मुकदमा में अधिवक्ता को अग्रिम जमानत से इंकार कर दिया।
प्रयागराज के मऊआइमा थाना में दो दर्जन से अधिक फर्जी मुकदमा की जांच सीबीआई को हाईकोर्ट ने सौंपा था। अधिवक्ताओं के एक पक्ष का आरोप है कि प्रयागराज के न्यायालय में अधिवक्ताओं का एक गिरोह अन्य अधिवक्ताओं को फर्जी ढंग से दुराचार जैसे संगीन मुकदमा में फंसा कर धनादोहन करता है। उक्त आरोपों की जांच के बाद सीबीआई ने जांच के बाद मुकदमा को एस आई टी न्यायालय में सौंप दिया।जिसपर एस आई टी के विजय कुमार सिंह गौर ने सभी आरोपियों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा। जवाब से संतुष्ट न होने पर एस आई टी ने अधिकांश अधिवक्ताओं के खिलाफ चार्जशीट लगा दी। आरोप है कि जिससे मऊआइमा क्षेत्र के बौखलाए अधिवक्ताओं में से आरोप अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ला पहले प्रयागराज के डीजे के यहां अग्रिम जमानत याचिका दायर की जिसपर डी जे ने अपने कार्य क्षेत्र से बाहर मामला होने की बात कह कर अर्जी खारिज कर दी। आरोप है कि अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ला मऊआइमा के तिलई बाजार घीनपुर के निवासी हैं वह तथा उसके साथी सहित अनेकों को सामूहिक दुराचार में सीबीआई ने जांच में दोषी पाया है। बताया गया है कि मामला लखनऊ स्थित एस आई टी न्यायालय में चल रहा है। आरोप है कि सभी तथ्यों को छिपाते हुए अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ला ने एस आई टी न्यायालय में चल रहे सामूहिक मुकदमा को प्रयागराज के न्यायालय में चलाने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें आने जाने में बहुत दिक्कत होती है तथा मुकदमा को प्रयागराज में किया जाए। जिसपर हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए अग्रिम जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया। आरोप है कि अधिवक्ता पीड़िता महिला को जबरियन सुलह होने के लिए नाना प्रकार का प्रलोभन दे रहे हैं।जिसकी शिकायत पीड़िता ने पुलिस के अधिकारियों से की है और सुलह की वीडियो ट्विटर पर वायरल भी हो रही है। पीड़िता का आरोप है कि सामूहिक दुराचारी राजेश कुमार शुक्ला सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। पीड़िता के कथनानुसार राजेश कुमार शुक्ला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है लिहाजा इसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। पीड़िता महिला का आरोप है कि राजेश कुमार शुक्ला सहित उसके तमाम गुर्गों को सीबीआई ने दोषी पाया है। महिला ने सामूहिक दुराचार के आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की है।