2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश भी ठोकेंगे ताल?
हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास खबर
महराजगंज जहां एक तरफ पूरे देश में लोकसभा के चुनाव का विगुल बज चुका है वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के महराजगंज लोकसभा सीट पर सपा के पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश भी दो-दो हाथ करने को तैयार हैं? हालांकि कि अभी तक महराजगंज लोकसभा सीट पर भाजपा से पंकज चौधरी और सपा- कांग्रेस गठबंधन से फरेंदा से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी की उम्मीदवारी घोषित हो गई है। बहुजन समाज पार्टी ने अभी अपने पत्ता नहीं खोला हैं।
सूत्रों का कहना है कि बसपा से टिकट की दावेदारी के लिए पूर्व विधायक अमन मणि त्रिपाठी और पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश के नामों की भी चर्चा अंदरखाने में पूरी तरह से हिलोरें मार रहा है। महराजगंज का मतदाता भी अभी स्पष्ट तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। यदि इन दोनों में से किसी एक को टिकट मिला तो लड़ाई त्रिकोणीय हो सकती है।
बता दें कि वर्तमान सांसद और पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी 1991,1996,1998,2004,2014 और 2019 में कुल 8 चुनाव में 6 चुनाव जीत चुके हैं। वह पुनः नौवीं बार चुनाव मैदान में हैं। पंकज चौधरी एक बार जीत की हैट्रिक भी लगा चुके हैं। जहां तक सपा- कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी विरेन्द्र चौधरी का सवाल है वह पहली बार लोकसभा के चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कुंवर अखिलेश सिंह तो समाजवादी पार्टी से 1991,1993 में दो बार विधायक और 1999 में एक बार सांसद भी रह चुके हैं। अमन मणि त्रिपाठी 2017 में निर्दलीय विधायक रह चुके हैं। अभी कुछ दिन पहले उन्होंने टिकट के लिए कांग्रेस का दामन थामा था। पर कवियत्री मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला के प्रबल विरोध के बाद कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया। महराजगंज का चुनाव अब ले-देकर बहुत कुछ बसपा के टिकट पर निर्भर करता दिख रहा है। हालांकि 2019 में पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश सिंह सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे तब उन्हें भारी हार का सामना करना पड़ा था। 2019 में पंकज चौधरी को लगभग 7 लाख 27 हजार मत मिले थे। उनके मुकाबले कुंवर अखिलेश सिंह को 3 लाख 85,925 वोट पाकर संतोष करना पड़ा था। 2019 का चुनाव 3 लाख 40 हजार वोटों के भारी अंतर से कुंवर अखिलेश सिंह चुनाव हार गए थे। 2024 के चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा और सेहरा किसके सर बंधेगा यह तो अभी भविष्य के गर्भ में हैं पर यह तो निश्चित है कि बसपा का पत्ता खुलते ही इस लोकसभा सीट पर चुनाव दिलचस्प हो जाएगा?