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जांच में प्रधानाध्यापिका का प्रमाणपत्र मिला फर्जी, विभाग ने किया बर्खास्त, दर्ज कराया मुकदमा

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हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर


महराजगंज जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी तरीके से शिक्षक भर्ती का प्रकरण संज्ञान में आया है। इस मामले में विभाग द्वारा सख्त कार्यवाही की गई है। शिक्षिका को बर्खास्त करते हुए प्रबंधक सिद्धार्थ पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरा रसूलपुर और तथाकथित प्रधानाध्यापिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरा रसूलपुर के विरुद्ध सदर कोतवाली मे प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।


बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरा रसूलपुर में कार्यरत तथाकथित प्रधानाध्यापिका निधि सिंह पत्नी नितिन सिंह निवासी 76 डी कालेपुर, गौतम नगर कैंट गोरखपुर के विरुद्ध शिकायत प्राप्त हुई कि उनकी नियुक्ति फर्जी तरीके से की गई है। शिकायत प्राप्त होने के उपरांत जिलाधिकारी के निर्देश पर विभागीय जांच आरंभ की गई। इस क्रम में दिनांक 13 जून 2024 को प्रबंधक पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरा रसूलपुर को निधि सिंह की नियुक्ति से संबंधित समस्त अभिलेखों सहित पंजीकृत डाक से प्राप्त आवेदन पत्रों, प्रकाशित विज्ञापन का विवरण और अनुभव प्रमाण पत्र आदि को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया, साथ ही निधि सिंह को भी दिनांक 27 जुलाई 2024 को उनकी नियुक्ति के संदर्भ में वांछित साक्ष्य और स्पष्टीकरण बीएसए कार्यालय को एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया किंतु दोनों पक्ष अभिलेख/साक्ष्य उपलब्ध कराने में अक्षम रहे। पुनः विभाग द्वारा 14 अगस्त 2024 को प्रबंधक और निधि सिंह को साक्ष्य व स्पष्टीकरण एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया लेकिन पुनः दोनों पक्ष ऐसा करने में अक्षम रहे। इस दौरान विभागीय जांच में यह पाया गया कि निधि की नियुक्ति से संबंधित पत्रावली फर्जी हैं और उनपर तत्कालीन बीएसए और पटल सहायक का हस्ताक्षर कूटरचित ढंग से किया गया है।


इसी प्रकार विज्ञापन की अनुमति हेतु तैयार पत्रावली, तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी नौतनवां को पर्यवेक्षक के रूप में संबोधित पत्र और साक्षात्कार संबंधी दस्तावेज भी कूटरचित व फर्जी हैं। जांच के दौरान तत्कालीन बीएसए और वरिष्ठ सहायक द्वारा भी सूचित किया गया कि उनके द्वारा संबंधित पत्रावलियों पर कोई हस्ताक्षर नहीं किया और उनके सभी हस्ताक्षर कूटरचित हैं। इस प्रकार सभी अभिलेखों और साक्ष्यों की विभागीय जांच के उपरांत बीएसए श्रवण कुमार गुप्ता ने आदेशित किया कि सिद्वार्थ पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरा रसूलपुर जनपद- महराजगंज में प्रधानाध्यापिका के पद पर निधि सिंह की नियुक्ति पूर्ण रूप से कूटरचित ढंग से पत्रावली तैयार कर की गयी है, जो पूर्णतः अवैध है और उ०प्र० मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल (जू०हा० स्कूल) (अध्यापको की भर्ती एवं सेवा की शर्ते) नियमावली, 1978 में विहित प्राविधानों के अनुसार विधिमान्य न होने के कारण अवैध है। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि इनकी नियुक्ति, नियुक्ति तिथि से निरस्त मानते हुए प्रबन्धक, सिद्वार्थ पू०मा०वि० पिपरा रसूलपुर, महराजगंज को निर्देशित किया जाता है कि निधि सिंह तथाकथित प्रधानाध्यापिका को तत्काल पदच्युत करते हुए संस्था/विद्यालय से बाहर करें। साथ ही उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को प्रबंधक और तथाकथित प्रधानाध्यापिका के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया।


खंड शिक्षा अधिकारी अंकिता सिंह द्वारा कोतवाली सदर में भा.दं.सं. 1860 की धारा 419,420, 467,468, 471 के अंतर्गत प्रबंधक सिद्धार्थ पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरा रसूलपुर और निधि सिंह के विरुद्ध 24 अगस्त 2024 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

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