रामगोपाल के साथ बर्बरता की सभी हदें पार
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
उत्तर प्रदेश के बहराइच में भड़की हिंसा में रामगोपाल मिश्रा नाम के युवक की हत्या कर दी गई। दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान ये हिंसा भड़की थी। रामगोपाल मिश्रा की हत्या बर्बरता पूर्ण तरीके से की गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज रामगोपाल के परिजनों से मुलाकात की। इस बीच रामगोपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि किस तरीके से उसके साथ बर्बरता की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि रामगोपाल के शरीर से 30 से अधिक छर्रे निकले हैं, जो उसकी मौत की वजह बन गए।
रामगोपाल की हत्या हमीद के घर के अंदर हुई है। हमीद और सलमान के घर के सदस्यों ने रामगोपाल को पकड़ा था और उसे अंदर लेकर गए थे। जब यह हिंसा हुई और भीड़ भाग गई तो रामगोपाल अकेला पड़ गया था। इस दौरान सलमान और हमीद उसे अपने घर में खींच कर ले गए। इसके बाद पिलास से रामगोपाल के दोनों पैर के अंगूठे के नाखूनों को उखाड़ दिया।
इसके बाद कुछ लोगों ने शोर मचाया और भीड़ फिर से हमीद के घर पर आ रही थी। इस बीच सलमान ने 12 बोर की बंदूक से रामगोपाल के सीने को छलनी कर दिया। पुलिस ने किसी तरह से रामगोपाल को हमीद के घर से निकाला लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। जिला अस्पताल में उसे मृत घोषित किया गया।
डीजे बजाने को लेकर शुरू हुआ था विवाद
बताया जा रहा है कि मूर्ति विसर्जन के लिए मूर्ति ले जा रहे थे। इस दौरान दूसरे समुदाय के लोग डीजे बजाने को लेकर आपत्ति जताने लगे लेकिन जुलूस में शामिल लोगों ने डीजे बंद करने से मना कर दिया। इस बीच छतों के ऊपर से पथराव शुरू हो गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक युवक ने मूर्ति पर लगा झंडा खींचकर फाड़ दिया, जिसके बाद रामगोपाल, हमीद की छत पर चढ़कर वहां लगे हरे झंडे को नोचने लगा। इसी दौरान पुलिस ने विसर्जन में शामिल लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया और भीड़ भाग गई। लेकिन रामगोपाल अकेला हो गया और उसे हमीद और सलमान अपने घर में खींचकर लेकर चले गए और मार डाला।
बहराइच हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा के घर वालों से सीएम योगी ने मुलाकात की। इस दौरान पिता कैलाश, मां और पत्नी रोली रोने लगी। मां मुन्नी देवी ने बिखलते हुए कहा कि उनके बेटे को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। हमारा सब कुछ छिन गया।
पत्नी रोली भी घूंघट डाले सीएम के सामने बैठी रही। उसने रोते हुए कहा-दुनिया उजड़ गई है। न्याय चाहिए। 4 महीने पहले ही राम गोपाल ने रोली से लव मैरिज की थी। दोनों सिर्फ, 85 दिन साथ रह पाए।
पिता भी 22 साल के जवान बेटे की हत्या की बात करते-करते रो पड़े। उन्होंने गमछे से अपने आंसू पोछे। कुछ देर के लिए सीएम ऑफिस में सन्नाटा छा गया। सीएम सभी को देखते रहे। फिर ढांढस बंधाते हुए बोले- आपकी पूरी मदद की जाएगी।
योगी ने परिवार को 10 लाख रुपए, एक प्रधानमंत्री आवास, आयुष्मान कार्ड और पत्नी रोली को संविदा पर नौकरी देने की बात कही।
मां को रोता देख सीएम योगी ने हाथ जोड़े करीब 30 मिनट की मुलाकात के दौरान राम गोपाल की पत्नी, मां और पिता रोए जा रहे थे। योगी ने हाथ जोड़कर कहा कि आपको न्याय मिलेगा। उन्होंने अफसरों को परिवार की मदद के निर्देश दिए। कहा कि परिवार को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। सीएम ने परिजनों से पूरा घटनाक्रम भी जाना।
सीएम ने परिवार से कहा- जो हुआ दुर्भाग्यपूर्ण था। आश्वस्त रहिए। पीड़ित
परिवार को न्याय दिलाना सरकार की
शीर्ष प्राथमिकता है। इस अक्षम्य घटना के
दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं
जाएगा। मंगलवार को बहराइच के महसी
से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह पीड़ित
परिवार को लेकर लखनऊ पहुंचे। उनकी
यहां सीएम योगी से मुलाकात कराई।
पिता कैलाश नाथ बोले- दोषियों को कड़ी सजा दी जाए
सीएम योगी से मुलाकात करने से पहले लखनऊ पहुंचे राम गोपाल के पिता कैलाश नाथ मिश्रा ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा- मेरे बेटे की गोली मारकर हत्या की गई है। घटना के जो भी दोषी हैं, उन्हें कड़ी सजा दी जाए।
पत्नी बोली- पति के नाखून प्लास से निकाले गए
रोली कहती हैं, "उस दिन गांव में भंडारा था, पति वहीं खाना बना रहे थे। लौटे तो कहा कि मैं विसर्जन में जा रहा हूं। मैंने बाइक की चाबी छिपा दी थी। कह रही थी, मत जाइए। उन्होंने जिद की और चले गए। शाम को 5 बजे कुछ लोगों ने फोन करके बताया कि गोली लगी है।"
रोली ने बताया- उस समय हमसे कहा गया कि पैर में लगी है, जान नहीं जाएगी। हम हॉस्पिटल पहुंचे। वहां जो देखा, वह बहुत भयानक था। मेरे पति को बेदर्दी से मारा गया। उनके गले पर चाकू के निशान थे। पैर के सारे नाखूनों को प्लास से खींच लिया गया था। हाथ और पेट में गोलियों के निशान थे। एकदम जानवरों की तरह मारा गया। अब मुझे सिर्फ न्याय चाहिए।"
85 दिन पहले हुई थी राम गोपाल की शादी
रोली ने बताया कि उसकी राम गोपाल से करीब 85 दिन पहले मंदिर में शादी हुई थी। शादी में बहुत कम लोग थे। शादी के बाद दोनों पक्षों के लोगों ने इस रिश्ते को मान लिया था। राम गोपाल पहले लखनऊ में रहता था। अब गांव में ही रहकर छोटी-छोटी पार्टियों में खाना बनाने का काम करता था।