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डॉक्टर सरकारी के खिलाफ राजनीतिक पार्टियों हुई लामबंद सिपाही को न्याय दिलाने की एसएसपी से की मांग



हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर


गोरखपुर डॉ अनुज सरकारी के खिलाफ राजनीतिक पार्टियों सड़कों पर उतरकर सिपाही पंकज के पक्ष में लामबंद हो गए हैं आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर से एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी कांग्रेस बसपा व अधिवक्ताओं का अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल एसएसपी से मिलकर सिपाही को न्याय दिलाने की मांग की।बलिया में तैनात सिपाही पंकज कुमार द्वारा वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.अनुज सरकारी के बीच अल्ट्रासाउंड की फीस को लेकर हुए विवाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। डॉक्टर के सिर पर हथौड़ा से प्रहार करने वाले सिपाही को भाजपा एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही अधिवक्ताओं और समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन मिल रहा है। मंगलवार को भाजपा एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को सिपाही पंकज और डॉ.अनुज सरकारी के बीच हुए विवाद मामले में अपर पुलिस महानिदेशक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की।


एमएलसी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर प्रतिनिधिमंडल ने सिपाही की बेरहमी से पिटाई करने वाले डॉक्टर और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। एमएलसी ने कहा कि बीमार पत्नी को चिकित्सक द्वारा दिखाने गए पुलिस के सिपाही को जिस प्रकार जानलेवा हमला किया गया है, वह मानवता को शर्मसार करने वाला है। घटना मर्माहत करने वाली है। चिकित्सक जैसे संवेदनशील पेशे से जुड़े व्यक्ति द्वारा गुंडों जैसा आचरण किया जाना किसी प्रकार क्षम्य नहीं है। चिकित्सक ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर चोटिल सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया। गम्भीर अपराध पर मौन नहीं साधा जा सकता है।


एमएलसी ने मांग की है कि पुलिस की बेरहमी से पिटाई करने वाले आरोपी डॉक्टर और उसके गुण्डों पर भारतीय दण्ड विधान की समुचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेजा जाना चाहिए। जिससे भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं हो। प्रतिनिधिमंडल में राधेश्याम सिंह, श्याम जी त्रिपाठी, ओम नारायण पांडे, बेतियाहाता पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी, धर्मेंद्र त्रिपाठी, भानु प्रताप पांडे, गिरजेश मणि त्रिपाठी, पूर्व मंत्री धीरेंद्र द्विवेदी, एडवोकेट रमाकांत पांडे, आलोक शुक्ला, राजेश तिवारी, डॉ. दांनपाल सिंह, राधेश्याम सेहरा आदि उपस्थित रहे।


सिपाही पंकज के पिटाई का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में डॉक्टर और उसके स्टॉफ सिपाही को बेरहमी से पीटते दिख रहे हैं। जिसके पास भी यह वीडियो पहुंच रहा है, वह चिकित्सक के प्रति आक्रोशित हो रहा है।


सिपाही की पत्नी ने सोमवार को एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर के पास पहुंचकर अपना दर्द बयां किया था। बच्चों के साथ पहुंची सिपाही की पत्नी ने कहा कि पति मेरी बीमारी से परेशान थे। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड के लिए 1100 रुपये की मांग की। पति ने कहा, संतकबीर नगर में 800 रुपये में ही अल्ट्रासाउंड हो जाता है। ऐसे में यहां 1100 रुपये क्यों? इतनी सी बात पर डॉक्टर के साथ वहां खड़े गार्ड पति को बेरहमी से पीटने लगे।


सिपाही की पत्नी ने बताया कि मेरे पति को गंदी गंदी गालियां दी और बाद में अपने कर्मचारियों को बुलाकर बुरी तरह से मारा पीटा गया। इसकी शिकायत उन्होंने कैंट थाने पर की गई तो डॉक्टर के दबाव में पुलिस ने समझौता कराकर मामले को शांत कर दिया और पति के दिल को इतनी ठेस पहुंची कि वह सदमे को भूल नहीं पाये और तनाव में आकर शुक्रवार के दिन डॉक्टर से पूछने गए थे कि उन्हें क्यों मारा पीटा गया। डॉक्टर और उनके कर्मचारियों ने फिर उन्हें बुरी तरीके से मारा पीटा। गुरुवार को जब मैं अपने पति को बचाने गई तो मेरे साथ भी मारपीट और अभद्र व्यवहार व छेड़खानी किया गया। मेरे परिवार को भी न्याय मिला चाहिए। मेरा 4 साल का मासूम बच्चा है। उसके सामने एक पिता को पीटा गया। उसे भी सदमा लगा है। आरोपी डॉक्टर और उसके कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो और उन्हें भी कड़ी से कड़ी सजा मिले।


संतकबीर नगर में तैनात पंकज अपनी पत्नी के इलाज के लिए पिछले दिनों गैस्ट्रो के डॉ.अनुज सरकारी के पास गया था। जहां डॉक्टर से फीस को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद शुक्रवार की सुबह 11 बजे डॉ. अनुज सरकारी के ऊपर सिपाही ने जानलेवा हमला कर दिया। उसके साथ दो वर्दीधारी सिपाही भी मौजूद रहे। इसके बाद से ही चिकित्सक गुस्से में आ गए। दोपहर में डॉ. अनुज सरकारी के सिर की सर्जरी हुई। आरोपी सिपाही पंकज कुमार की बलिया जिले में तैनात है। अपनी पत्नी की बीमारी को लेकर वह ज्यादा परेशान था। बीमारी के चलते ही ज्यादा समय तक छुट्टी न मिलने के चलते वह गैरहाजिर चल रहा था, जिसकी वजह से उसे सस्पेंड कर दिया गया था। वर्तमान में वह घर पर रहकर पत्नी का इलाज करा रहा था।


हमलावर सिपाही पूरी योजना बनाकर पहुंचा था। गुरुवार को हुए विवाद के कारण कर्मचारियों के पहचानने का खतरा था। ऐसे में हमलावर ने चेहरे की पहचान को बचाने के लिए सिर पर हेलमेट लगाए रखा। हमलावर के हेलमेट पहने होने और सिपाहियों के साथ होने की वजह से कर्मचारियों ने उसे एंट्री करने से नहीं रोका। वह एक झोला लेकर आया था जिसमें डॉक्टर के पर्चे के अलावा एक हथौड़ी भी रखी थी। सिपाही पंकज को पता था कि गुरुवार को हुए विवाद के बाद उसे डॉक्टर के चेम्बर तक जाने को नहीं मिलेगा, लिहाजा उसने 112 नम्बर पर फोन कर बताया कि डॉ. अनुज यहां वह आया है। उसे डॉक्टर और उनके लोगों ने पीटा है। इस सूचना पर पीआरवी के पुलिसकर्मी पहुंचे और उन्हीं के साथ वह डॉक्टर के चेम्बर में घुस गया। पीआरवी के सिपाही डॉक्टर से मारपीट की वजह पूछने गए थे, पर अंदर घुसते ही आरोपी सिपाही पंकज ने अपने झोले से हथौड़ी निकाल कर उनके सिर पर दो बार प्रहार कर दिया। हमले में डाक्टर को कनपटी पर चोट आई।

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