संभल जिले में टीबी उन्मूलन अभियान को मिल रहा जोर
संभल: राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत संचालित 100 दिवसीय सघन टीबी रोग खोज अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के सभी परिषदीय/प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/कंपोजिट विद्यालयों के सभी प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया।
शिक्षक बनें निःक्षय मित्र: प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को निःक्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित किया गया है। निःक्षय मित्र के रूप में शिक्षक टीबी रोगियों को गोद लेकर उनका नियमित रूप से पालन करेंगे। वे रोगियों को दवा लेने, स्वस्थ आहार लेने और नियमित जांच करवाने के लिए प्रेरित करेंगे।
अभियान के प्रमुख बिंदु:
* स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम: शिक्षक स्कूलों में टीबी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
* बच्चों और अभिभावकों को जानकारी देना: शिक्षक बच्चों और अभिभावकों को टीबी के लक्षणों, बचाव के उपायों और उपचार के बारे में जानकारी देंगे।
* संदिग्ध मामलों की रिपोर्टिंग: शिक्षक संदिग्ध मामलों को स्वास्थ्य विभाग को सूचित करेंगे।
* टीबी रोगियों को उपचार के लिए प्रेरित करना: शिक्षक टीबी रोगियों को उपचार के लिए प्रेरित करेंगे।
* निःक्षय मित्र बनना: शिक्षक निःक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों का पालन करेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि शिक्षक समाज के एक महत्वपूर्ण अंग हैं और उनकी भूमिका इस अभियान में अहम है। उन्होंने सभी शिक्षकों से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और अपने-अपने विद्यालयों में टीबी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें।
मुख्यचिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. तरुण पाठक ने बताया कि शिक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान टीबी के लक्षणों की पहचान, संदिग्ध मामलों की रिपोर्टिंग और टीबी रोगियों को उपचार के लिए प्रेरित करने के तरीके बताए गए। उन्होंने कहा कि इस अभियान का लक्ष्य है कि जिले में टीबी रोग को पूरी तरह से खत्म किया जाए।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. संतोष कुमार ने कहा, "शिक्षक बनें निःक्षय मित्र, मिटाएं टीबी का अंधेरा।" उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भूमिका इस अभियान में अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप टीबी रोगियों को गोद लेकर उनका नियमित रूप से पालन कर सकते हैं।
टीबी हारेगा, देश जीतेगा:
इस अभियान का नारा है "टीबी हारेगा, देश जीतेगा"। यह नारा हमें याद दिलाता है कि टीबी एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसका इलाज संभव है। अगर हम सभी मिलकर इस बीमारी से लड़ें तो हम इसको हरा सकते हैं।
आज ही बनें निःक्षय मित्र और टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने में अपना योगदान दें।