कारखाने एवं डीजल शेड का निजीकरण किए जाने का PRKS ने किया विरोध। रेल कर्मचारियों में भारी आक्रोश
पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ रेल के निजीकरण के खिलाफ है कारखाने एवं डीजल शेड को प्राइवेट हाथों में दिए जाने का पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ कड़ा विरोध करती है। निजीकरण के खिलाफ पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ का संघर्ष जारी है- विनोद राय
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री एवं असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी एनएफआईआर विनोद राय ने बताया कि इस समय अखबारों में एक समाचार तेजी से छप रहा है जिसमें रेलवे के कारखाने एवं डीजल शेड को निजी हाथों में देने की बात कही जा रही है। महामंत्री विनोद राय ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ रेल प्रशासन एवं भारत सरकार के इस निर्णय के खिलाफ है एवं कड़ा विरोध दर्ज करती है। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ किसी भी हालत में रेल के कारखाने एवं डीजल शेड को प्राइवेट हाथों में नहीं जाने देगा। सरकार के फैसले से रेल कर्मियों में भारी आक्रोश है।
महामंत्री विनोद राय ने कहा कि इतने महंगे पढ़ाई एवं संघर्षों के बाद कर्मचारी सरकारी नौकरी प्राप्त किए हैं प्राइवेट हाथों में देकर सरकार उनके भविष्य को कुचलना चाहती है PRKS/NFIR प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ पूरे देश में कर्मचारियों को जागृत एवं इस फैसले का विरोध करने का काम करेगी। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री ए के सिंह, डीके तिवारी, आरपी भट्ट, मनोज द्विवेदी, रामकृपाल शर्मा, देवेंद्र प्रताप यादव, एस सी अवस्थी, नवीन मिश्रा, फिरोज़ उल हक, बीपी मिश्रा, शमशाद अहमद, के एम मिश्रा, दीपक चौधरी, कुलदीप मणि त्रिपाठी ,ईश्वर चंद्र विद्यासागर, जयप्रकाश सिंह ,देवेश सिंह, अंशुमान पाठक, निशांत यादव, अभिषेक गुप्ता, राजू सिंह,ए बी पांडे, हेमंत कुमार, एसके गोस्वामी, अजय त्रिपाठी, हरकेश बहादुर सिंह, विक्रम, दीपक प्रजापति, धीरज यादव, विनय यादव, चंद्रिका साहनी इत्यादि पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने रेल के कारखाने एवं डीजल शेड के प्राइवेटाइजेशन पर आक्रोश व्यक्त किया है ।