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मातृ-मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित, सर्विलांस को सुदृढ़ीकरण के लिए दिया गया ट्रेनिंग

 हम भारती न्यूज़ 

संवाददाता मोहम्मद अशरफ जिला ब्यूरो चीफ सारण बिहार 




चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण


मेटरनल डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस(एमडीएसआर) के तहत किया गया प्रशिक्षित


प्रथम सूचना देने वाली आशा को मिलेगा प्रोत्साहन राशि


छपरा। जिले में मातृ-मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित है। इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाये जा रहें है। ताकि मातृ-मृत्यु दर को कम किया जा सके। इसको लेकर सदर अस्पताल में चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के क्षमतावर्धन के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के सभी अस्पतालों के मेडिकल ऑफिसर, अस्पताल प्रबंधक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, बीसीएम और बीएमएनई को प्रशिक्षण दिया गया। क्षेत्रीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी शादाँ रहमान और जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी ब्रजेश कुमार के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में यह बताया गया कि मातृ-मृत्यु की निगरानी और रिस्पांस को मजबूत बनाने की जरूरत है। प्रशिक्षण के दौरान यह समझाया गया कि कैसे स्वास्थ्य कर्मी और आशा कार्यकर्ता मिलकर मातृ-मृत्यु दर को घटाने के प्रयासों में भाग ले सकते हैं।। एमडीएसआर कार्यक्रम के तहत, गर्भवती और प्रसूताओं की मृत्यु के कारणों की जांच कर कुपोषण, त्वरित चिकित्सा सेवाओं और एंबुलेंस व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है। 15 से 49 वर्ष की गर्भवती और प्रसूताओं की मृत्यु की रिपोर्टिंग आशा कार्यकर्ता करेंगी। चाहे मृत्यु अस्पताल, घर, या रास्ते में हो, सभी मामलों की जांच कर कमियों को दूर किया जाता है। चिकित्सकों की टीम मृतक के घर जाकर जांच और ऑडिट करती है। इसके तहत मातृ-मृत्यु की रिपोर्टिंग को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है, ताकि प्रत्येक मृत्यु का सही-सही आकलन किया जा सके और उसे निवारण की दिशा में एक कदम और बढ़ाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम का उद्देश्य मातृ-मृत्यु दर में कमी लाना, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना और आशा कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर एक मामले का सही तरीके से मूल्यांकन किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

इन प्रयासों के माध्यम से जिले में मातृ-मृत्यु दर को कम किया जा सकेगा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी बनाया जा सकेगा।




मातृ मृत्यु की सूचना देने पर आशा कार्यकर्ता दी जायेगी प्रोत्साहन राशि:

क्षेत्री अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी शादाँ रहमान ने बताया कि मातृ मृत्यु की सूचना को बढ़ावा एवं सुनिश्चित करने के उदेश्य से सरकार ने सुमन कार्यक्रम के तहत प्राइमरी रिस्पोंडेंट को प्रति मातृ-मृत्यु की सूचना देने पर 1000 रूपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया है। प्राथमिकता के आधार पर प्राइमरी रिस्पोंडेंट के रूप में आशा को प्रोत्साहित किया जाना है। ऐसे सूचना देने पर आशा कार्यकर्ताओं को 200 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

चार माध्यमों से दी जायेगी सूचना:

104 नंबर पर कॉल के माध्यम से

वेब पोर्टल के माध्यम से

एसएमएस के द्वारा बीएचएम व एमओआईसी को

स्वास्थ्य संस्थान के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से मिलकर

सूचना मिलने पर टीम करेगी जांच:

जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी ब्रजेश कुमार ने बताया कि मातृ-मृत्यु की सूचना प्राप्त होने के बाद संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा जांच के पश्चात मातृ-मृत्यु की सूचना को सत्यापित किया जायेगा। इसके बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मातृ-मृत्यु की प्रथम सूचना देने वाले को भी सत्यापित करेंगे। जिसके बाद प्रोत्साहन की राशि देय होगी। यह प्रोत्साहन राशि आशाओं को अन्य कार्यक्रमों की अन्तर्गत दी जा रही राशि की तरह ही प्रदान की जायेगी। जिसका भुगतान प्रखंड स्तर से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड लेखापाल के सत्यापन के बाद देय होगा।

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