अगर सभी लोग अपने मुहल्ले में गरीबों का ख्याल करें तो कोई भी गरीब मायूसी और बेबी का शिकार नहीं होगा : नवाब फारुक अशरफ
अलविदा की नमाज अदा करने के बाद जरूरतमंदों में बांटे गये ईद किट
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
गोरखपुर अगर किसी शहर या बस्ती में कोई भी व्यक्ति ऐसा हो जो अपनी गुरबत और मजबूरी के चलते अपनी और अपने बच्चों की ईद की व्यवस्था न कर पाया हो और उसके पड़ोसी और बस्ती वाले उसकी स्थिति से वाकिफ होते हुए उसकी मदद ना करें तो इस्लाम धर्म के मुताबिक उनको ईद की खुशी मनाना जायज नहीं होगा । यह बातें घोसीपुरवा के पूर्व पार्षद अशरफ अली ने अलविदा की नमाज अदा करने के बाद सभी धर्मावलंबियों के बीच ईद के तोहफे के रूप में कपड़ों का वितरण के साथ ही आर्थिक मदद की। ईद का तोहफा देकर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास विगत कई वर्षों से करते चले आ रहे हैं। पूर्व पार्षद अशरफ अली ने अपने पुत्र नवाब फारूक अशरफ के साथ मेडिकल कॉलेज रोड राजस्थान मार्बल्स पर ईद के तोहफे के रूप में ईद किट वितरण के साथ ही साथ लोगों से दुआएं भी हासिल की।
इस मौके पर पूर्व पार्षद अशरफ अली ने कहा कि अगर किसी शहर या मुहल्ले, गांव में कोई व्यक्ति ऐसा हो जो अपनी गुरबत और मजबूरी के चलते अपनी और अपने बच्चों की ईद की व्यवस्था न कर पाया हो और उसके पड़ोसी और मुहल्ले वाले उसकी स्थिति को जानते हुए भी उसकी मदद नहीं करते हैं तो इस्लाम धर्म के अनुसार उनकी ईद की खुशी नहीं मानी जायेगी। उन्होंने कहा कि ईद के मौके पर ईद मनाने के लिए कुछ भी नहीं है तो निश्चित तौर पर उसकी हर संभव मदद करने की जरूरत है। अली ने कहा कि ईद की व्यवस्था न हुई हो तो हमें चाहिए कि पहले उसकी ईद की व्यवस्था करें। ताकि उसकी ईद हंसी-खुशी के साथ मनाई जा सके। उन्होंने कहा कि सदका, फितरा ईद की नमाज से पहले अदा कर देने की जरूरत है। जिससे गरीब आदमी अपनी ईद को मना सके।
इस मौके पर मुस्लिम घोसी यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष नवाब फारूक अशरफ ने कहा कि हम लोग अपने स्तर से प्रयास करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद हो सके। अगर सभी लोग अपने मुहल्ले में गरीबों का ख्याल करें तो कोई गरीब मायूसी और बेबी का शिकार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अमीर, गरीब सब एक साथ मिलकर अमन शांति के साथ ईद की खुशियां मनायें और अपने देश की तरक्की और अमन शांति के लिए दुआ करें।
इस मौके पर प्रमुख रूप से फिरोज अहमद, फरीद अहमद, शमशीर आलम, मेराज, सैयद शहाब अहमद, फैयाज अहमद, जफर, अब्दुल हुसैन, अमरेश, वसीम, आफताब गाजी आदि लोग मौजूद थे।