एसएसबी डीआईजी डॉ डी के मिश्रा ने पेश की मानवता की मिसाल
मानव सेवा से बढ़कर नहीं कोई धर्म-डॉ डी के मिश्रा (डीआईजी एसएसबी)
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
गोरखपुर मशहूर शायर अल्लामा इकबाल ने सही लिखा है कि "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी है हम वतन हैं हिन्दोस्तां हमारा" शायर की यह पंक्ति समाज के लिए आज आईना है जहां पर हर बात में हिंदू मुस्लिम करके समाज को बांटने का काम किया जा रहा है वही आज भी ऐसे लोग हैं जो इंसानियत को मानते हैं और मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है यह सही कहा गया है।
सामाजिक सरोकार से जुड़े रहने वाले संयुक्त चिकित्सालय सशस्त्र बल के डीआईजी डॉक्टर डी के मिश्रा ने आज अपनी धर्मपत्नी के साथ मियां बाजार स्थित इमामबाड़ा स्टेट में बाबा रोशन अली शाह की दरगाह पर पहुंचे अपनी आस्था के अनुसार बाबा का आशीर्वाद लिया और एक अच्छे काम की शुरुआत की ,इस मौके पर उन्होंने समाज के ऐसे गरीब बेसहारा दो परिवारों को एक महीने का कंपलीट राशन किट दिया। इस दौरान इमामबाड़ा स्टेट के सज्जादानशीन सैयद अयान अली शाह पार्षद समद गुफरान, सैयद शहाब आदि लोग मौजूद रहे।
बातचीत के दौरान एसएसबी के डीआईजी डॉक्टर डीके मिश्रा ने कहा कि मानवता से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है हमने बचपन से ही सीखा है कि एक दूसरे की मदद करें आपसी भाईचारा कायम रहे चाहे जो भी हालत हो मगर हमें अपनी अच्छाइयों को नहीं भूलना चाहिए अच्छाइयां जहां तक हो सके उसे फैलाइए बुराई अपने आप खत्म हो जाती है क्योंकि बुराई पर अच्छाई का प्रतीक होली का त्यौहार होता है हर तीज त्यौहार हमें कुछ ना कुछ सीखने का मौका देता है बस उसे समझने की जरूरत है इंसान अगर समझ गया तो उसके अंदर से रावण रूपी अहंकार खुद -ब- खुद समाप्त हो जाता है आज इन लोगों को राशन किट देकर बेहद खुशी मिल रही है अपने सर्विस के दौरान जहां भी मैं रहा हूं मानव की सेवा किया है चाहे चिकित्सीय सेवा के जरिए लोगों की मदद करना हो या अन्य कोई सामान देखकर उनके दुख को ग्रहण करने का काम करना ।
सज्जादानशीन सैय्यद अयान अली शाह ने कहा कि डीआईजी साहब आज अपनी धर्मपत्नी के साथ इमामबाड़ा स्टेट पहुंचे हम लोगों को बेहद खुशी हुई है कि उनके अंदर समाज सेवा का जज्बा है आज उनसे मिलकर हम लोगों को बहुत अच्छा लगा।
पार्षद समद गुफरान ने कहा कि समाज में अभी भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके अंदर समाज सेवा का जज्बा है लेकिन उनकी कुछ मजबूरियां रहती है व्यस्तता के कारण वह समाज के अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाते हैं डीआईजी साहब ने आज जो कार्य किया है इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है क्योंकि समाज में ऐसे लोगों की वजह से ही आज समाज में मानवता जिंदा है वरना इस दौर में तो लोग दो गज जमीन के लिए खून खरबाह करने से भी गुरेज नहीं करते हैं।
सैय्यद शहाब ने कहा कि इमामबाड़ा स्टेट वह सरजमी है जहां पर हमेशा से गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की है यहां पर आने वाले लोग सभी धर्म संप्रदाय के होते हैं बाबा रोशन अली शाह का फैज सब पर बरसता है जो भी एक बार यहां आता है वह बाबा का होकर रह जाता है ।
इस अवसर पर अबु नसर, राजू, नेहाल ,मोहम्मद फैज़ान आदि लोग उपस्थित रहे।