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संवाददाता मोहम्मद अशरफ जिला ब्यूरो चीफ सारण बिहार
SBI और BGB के सहयोग से ₹90 करोड़ ऋण वितरण लक्ष्य निर्धारित, जीविका दीदियों के उद्यम को मिलेगा संबल
SBI RBO कार्यालय में सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता SPM-BL श्री पुष्पेन्द्र तिवारी ने की। बैठक में SBI के DGM श्री प्रफुल्ल झा, RM श्रीमती प्रियंका प्रियदर्शिनी, एवं जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक श्री अरुण कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी प्रखंडों के BPM और FI Nodal भी बैठक में सम्मिलित हुए।
बैठक का मुख्य उद्देश्य 10 अगस्त 2025 को आयोजित होने वाले क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के तहत ₹75 करोड़ के ऋण वितरण लक्ष्य को समयबद्ध ढंग से पूरा करना रहा। बैठक में यह बताया गया कि वर्तमान में ₹150 करोड़ की अप्रयुक्त राशि पड़ी है, जिसे पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाना अनिवार्य है।
विशेष बल पीएम-विश्वकर्मा योजना, इंडिविजुअल लोन, CLF, और सामूहिक योजनाओं पर दिया गया, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो सकें। SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के माध्यम से BPM और ब्रांच मैनेजर की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को विस्तार से स्पष्ट किया गया।
SBI के डिप्टी जनरल मैनेजर (DGM) श्री प्रफुल्ल झा ने जीविका के सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस संस्था को इतने व्यापक स्तर पर स्थापित करने में जीविका कर्मियों का योगदान अत्यंत सराहनीय और प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा, "आज भारतीय स्टेट बैंक (SBI) 219 वर्षों से देश की सेवा कर रहा है, इसका प्रमुख कारण यह है कि हमने समय के साथ खुद को निरंतर रूप से बदला और निखारा है। वहीं, कई संस्थाएं समय के साथ बदलाव नहीं ला सकीं और अस्तित्व से बाहर हो गईं।"
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान में SBI से लगभग 60 करोड़ ग्राहक जुड़े हुए हैं, जिन्हें बैंक निरंतर बेहतर और आधुनिक सेवाएं प्रदान कर रहा है। हाल ही में सारण जिले में हमारे 52 नए स्टाफ भी जुड़े हैं, जो इस मिशन को और गति देंगे। महिला सशक्तिकरण के इस यज्ञ में हमारा योगदान सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है। बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रत्येक संभावित ग्राहक की पहचान कर संबंधित शाखा प्रबंधक को प्रस्ताव भेजा जाएगा और 10 अगस्त तक सभी प्रस्तावों की स्वीकृति सुनिश्चित की जाएगी।
इसी कड़ी में, जीविका जिला कार्यालय, सारण में बिहार ग्रामीण बैंक (BGB) के अधिकारियों के साथ एक अन्य बैठक का आयोजन किया गया। इसमें BGB के महाप्रबंधक श्री संजय कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्रीय प्रबंधक श्री मानस कुमार सिन्हा, वरीय प्रबंधक श्री अविनाश कुमार, SPM-BL श्री पुष्पेन्द्र तिवारी, और DPM जीविका श्री अरुण कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही।
बैठक में यह लक्ष्य रखा गया कि आगामी तीन दिनों में जीविका समूहों को BGB की 75 शाखाओं से लगभग ₹15 करोड़ के ऋण का वितरण किया जाएगा l
BGB महाप्रबंधक श्री संजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा: "हमारा रिश्ता जीविका से नया नहीं, बहुत पुराना और प्रगाढ़ रहा है। आज जीविका के NPA को देखकर देशभर के बैंक आकर्षित हो रहे हैं, पर हमें गर्व है कि हमने इस सामाजिक आंदोलन की शुरुआत के समय से साथ दिया। पैसे कमाने के कई रास्ते हैं, पर जब हमारा ग्रामीण बैंक संपन्न होगा, तभी हमारा बिहार भी समृद्ध होगा।"
उन्होंने आगे कहा: "जो दीदी कभी घर से बाहर नहीं निकलती थीं, आज वे आत्मनिर्भर उद्यमी बनकर दूसरों को रोजगार दे रही हैं – यह केवल आर्थिक नहीं, सामाजिक क्रांति है। जीविका वास्तव में एक ‘सोशल इंजीनियरिंग’ है जो समाज के ताने-बाने को पुनर्गठित कर रही है।"
राज्य परियोजना प्रबंधक (बैंक लिंकेज), जीविका, श्री पुष्पेन्द्र तिवारी ने इस पहल को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त कदम बताया। उन्होंने कहा कि "ऋण केवल पूंजी नहीं, आत्मविश्वास होता है। जब एक दीदी को सही मार्गदर्शन और वित्तीय सहयोग मिलता है, तो वह न सिर्फ अपने परिवार की तस्वीर बदलती है, बल्कि पूरे समुदाय में बदलाव की एक मिसाल कायम करती है।" उन्होंने यह भी बताया कि जीविका समूहों का NPA 0.5 प्रतिशत से भी कम है, जो उनके वित्तीय अनुशासन और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
साथ हीं उन्होंने कहा कि यह जो रास्ता हमने ग्रामीण बैंक के साथ मिलकर चुना है, वह विश्वास, सहयोग और सामूहिक विकास का रास्ता है। इसे और मजबूती से आगे बढ़ाना है l
बैंकों एवं जीविका के संयुक्त प्रयास से स्पष्ट है कि बिहार में महिला उद्यमिता को बैंकिंग संस्थानों का सहयोग मिल रहा है, जिससे न केवल आजीविका के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी।