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पूर्व विद्युत सचिव ने डिस्कॉम एसोशिएशन पर स्मार्ट मीटर सप्लायर्स के लिए काम करने का अंदेशा जताया



ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने बिजली इंजीनियरों को डिस्कॉम एसोशिएशन की गतिविधियों से अलग रहने का दिया निर्देश


निजीकरण के विरोध में 274 वें दिन व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी


हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर


गोरखपुर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, गोरखपुर ने कहा है कि डिस्कॉम एसोशिएशन के गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण करना है और डिस्कॉम एसोशिएशन पर कंट्रोल मुख्यतया निजी घरानों और स्मार्ट मीटर सप्लायर्स का है। 

       ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने देश के विद्युत मंत्री श्री मनोहर  लाल खट्टर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मेल भेज कर कहा है कि ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन के गठन से लेकर उत्तर प्रदेश में चल रही निजीकरण की गतिविधियों तक की उच्च स्तरीय जांच कराई जाय और निजीकरण का फैसला रद्द किया जाय । उप्र में निजीकरण और स्मार्ट मीटर के नाम पर बड़ा घोटाला चल रहा है।

      आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने बताया कि भारत सरकार के पूर्व विद्युत सचिव श्री ई ए एस शर्मा ने फेडरेशन को मेल भेजकर संदेह व्यक्त किया  है कि डिस्कॉम एसोशिएशन निजीकरण और स्मार्ट मीटर सप्लायर्स के लिए लाबीइंग करने वाली संस्था  है। पूर्व विद्युत सचिव ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि यह जानते हुए भी पूर्व विद्युत सचिव श्री आलोक कुमार इस एसोसिएशन के साथ कैसे संबद्ध हैं।

       इस बीच ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने पूरे देश के बिजली इंजीनियरों को सचेत करते हुए कहा है कि ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की गतिविधियों में देश का कोई बिजली इंजीनियर हिस्सा न ले क्योंकि डिस्कॉम एसोशिएशन निजीकरण के मामले में बड़ी भूमिका का निर्वाह कर रही है।

           फेडरेशन ने कहा कि भारत सरकार के पूर्व विद्युत सचिव श्री ई ए एस शर्मा के ई मेल में व्यक्त आशंका के बाद इस एसोसिएशन की गतिविधियों से दूर रहना ही उचित है।फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि निजीकरण के पीछे बड़ा घोटाला चल रहा है अतः ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की गतिविधियों में हिस्सा लेना खतरे से खाली नहीं है।

       ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने सभी प्रांतों के विद्युत अभियन्ता संघों को निर्देश दिया है कि वे यह जानकारी हासिल करें कि उनके प्रांतों के विद्युत वितरण निगमों ने ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन को कितनी धनराशि चंदे के नाम पर दी है।

        ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन  के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे एवं सेक्रेटरी जनरल पी रत्नाकर राव ने कहा है कि आल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन का गठन  देश के बिजली वितरण निगमों के निजीकरण  के लिए किया गया है। डिस्कॉम एसोशिएशन में बिजली वितरण में काम करने वाली देश की लगभग सभी निजी कंपनियां शामिल हैं। यह निजी कंपनियां सरकारी विद्युत वितरण निगमों के साथ क्रिटिकल सूचनाएं और डाटा साझा कर रही है और निजीकरण करने हेतु जरूरी दस्तावेज हासिल कर रही हैं।

         ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने बताया कि ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की वेबसाइट पर जाने से यह सारी गतिविधियों स्वतः स्पष्ट हो जाती है।

       संघर्ष समिति गोरखपुर के पदाधिकारियों सीबी उपाध्याय, इस्माइल खान, पुष्पेन्द्र सिंह, जीवेश नन्दन , जयप्रकाश कुशवाहा, प्रिया सिंह, राजेश कुमार, अमित यादव , विजय सिंह, संजय सिंह, आदित्य मिश्रा, नागेंद्र सिंह,प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, संदीप श्रीवास्तव, विमलेश पाल, राकेश चौरसिया, कृष्णानंद गुप्ता, संतोष कुमार, करुणेश त्रिपाठी, सुधा शर्मा, हिमांशु सोनी, शुभम, राजेंद्र प्रसाद सिंह, दिलदार यादव आदि ने कहा कि निजीकरण के पीछे सरकारी धन के दुरुपयोग और घोटाले के समाचार उजागर होने के बाद भी यदि निजीकरण का निर्णय निरस्त नहीं किया गया तो किसानों, तथा उपभोक्ताओं के साथ मिलकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को निरस्त कराने हेतु व्यापक जन जागरण और आन्दोलन चलाया जाएगा।

       आज संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार 274 वें दिन प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन कर  आक्रोश व्यक्त किया और संकल्प लिया कि जब तक निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता तब तक आन्दोलन जारी रहेगा।

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