सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय में डाक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत
प्रयागराज चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के डॉक्टर की लापरवाही से आज एक और चार साल बच्चे की मौत हो गई। बड़ा सवाल यह है कि जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि सभी सरकारी अस्पताल में तीमारदारों को अच्छी से अच्छी सुविधा और अच्छा से अच्छा इलाज होना चाहिए लेकिन सरकारी डॉक्टरों को बस सैलरी से मतलब है पेशेंट मारे या जिए उससे उन्हें कोई मतलब नहीं है आज चिल्ड्रेन हॉस्पिटल का एक ऐसा ही मामला सामने आया है पीड़ित ने अपने बच्चे को बेड पर लेटाया था काफी देर हो जाने के बाद जब बच्चे के पिता ने डॉक्टर से कहा की डॉक्टर साहब मेरे बच्चे को देख लीजिए उसकी हालत बहुत खराब है इतने में ही डॉक्टर साहब आग बबूला हो गए कहा कि शांति से बैठ जाओ नहीं तो तुमको अभी बाहर भगा देंगे और कुछ ही देर बाद बच्चे की मौत हो गई तो और जो वहां के पीड़ित लोग जब अपनी बात मीडिया को बताना चाह तो वहां के गार्ड अनिल श्रीवास्तव ने धमकी देते हुए कहा कि अगर यहां की कोई बात मीडिया को बताई तो तुम्हारे बच्चे का इलाज नहीं होगा और तुम सबको बाहर कर देंगे इतने में जब मीडिया के लोगों ने वीडियो बनाने लगे तो डॉक्टरों ने पूरा झुंड बनाकर के पत्रकार का मोबाइल छीन लिया उसके बाद गार्ड अनिल श्रीवास्तव ने यहां तक कह दिया कि तुम लोग चाहे जितना वीडियो बना लो मोदी योगी भी मेरा कुछ नहीं कर पाएगी। और डॉक्टर साहब का कहना है कि अगर बच्चे को बुखार की दवा लेना है तो अपने बच्चों का थर्मामीटर से खुद अपने से नाप करके कागज में लिखकर के दो गे तभी दवा मिलेगी।
