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गोरखपुर के गोला एसडीएम अल्पसंख्यक आयोग में तलब गेहूं की फसल कब्जे में लेकर करा दी थी उसकी नीलामी

 गोरखपुर के गोला एसडीएम अल्पसंख्यक आयोग में तलब


गेहूं की फसल कब्जे में लेकर करा दी थी उसकी नीलामी



हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर


गोरखपुर शिकायतकर्ता का कहना है कि तहसील प्रशासन केवल डेढ़ लाख रुपये जमा कर नीलामी की राशि से पिंड छुड़ाने में लगा है जबकि ग्राम पंचायत के 350-400 एकड़ भूमि पर अवैध खेती हो रही है। सामान्यत एक एकड़ में करीब पंद्रह क्विंटल गेहूं की पैदावार होती है। यदि इसे दस क्विंटल प्रति एकड़ ही मान लिया जाय तो यह मामला 50 लाख से अधिक का है।

 

बड़हलगंज ब्लाक की ग्राम पंचायत सीधेगौर के टोला बल्थर में सरकारी भूमि पर बोए गए गेहूं की नीलामी से मिली धनराशि को भू-प्रबंधन समिति के खाते में जमा न करने पर अल्पसंख्यक आयोग ने गोला तहसील के एसडीएम रोहित कुमार मौर्य को ब्योरे के साथ तलब किया है।


आयोग ने जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश को निर्देशित करते हुए कहा है कि मामले में उपजिलाधिकारी को गेहूं नीलामी से हुई संपूर्ण आय के ब्योरे के साथ आयोग के समक्ष उपस्थित करें। सीधेगौर निवासी और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नरहरपुर मंडल अध्यक्ष रुस्तम अंसारी ने शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत की भूमि पर कई लोग कब्जा कर खेती करते हैं।


ग्रामीणों के विरोध के चलते अप्रैल, 2023 में तहसील प्रशासन द्वारा उस भूमि पर बोई गई गेहूं की फसल कब्जे में लेकर उसकी नीलामी करा दी गई। नीलामी से मिली धनराशि को भूमि प्रबंधन समिति के खाते में जमा करना था, लेकिन तहसील प्रशासन हीलाहवाली करता रहा। काफी प्रयास के बाद डेढ़ लाख रुपये जमा हुए और शेष राशि को एक सप्ताह के भीतर जमा करना था, लेकिन आज तक ऐसा नहीं किया गया।


इसके लिए रुस्तम ने चार बार तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में प्रार्थनापत्र दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इसके बाद इसकी शिकायत जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश व अल्पसंख्यक आयोग लखनऊ में की गई। इसका संज्ञान लेकर आयोग ने उपजिलाधिकारी को 29 फरवरी को विस्तृत आख्या के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है।


बड़ी है नीलामी की राशि


शिकायतकर्ता का कहना है कि तहसील प्रशासन केवल डेढ़ लाख रुपये जमा कर नीलामी की राशि से पिंड छुड़ाने में लगा है, जबकि ग्राम पंचायत के 350-400 एकड़ भूमि पर अवैध खेती हो रही है। सामान्यत: एक एकड़ में करीब पंद्रह क्विंटल गेहूं की पैदावार होती है। यदि इसे दस क्विंटल प्रति एकड़ ही मान लिया जाय तो यह मामला 50 लाख से अधिक का है। इसलिए पूरा राजस्व संबंधित खाते में जमा होना चाहिए। यदि न्याय नहीं मिला तो मुख्यमंत्री से मुलाकात करूंगा।


फसल नीलामी की राशि को भू-प्रबंधन समिति के खाते में जमा नहीं करने का है मामला, सीधेगौर के रूस्तम अंसारी ने की थी शिकायत, आयोग ने डीएम को ब्योरे के साथ भेजने को कहा


गोला उपजिलाधिकारी रोहित कुमार मौर्य ने कहा कि नीलामी की धनराशि का मामला संज्ञान में है। उसकी तहसीलदार से जांच कराई जा रही है।

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