हम भारती न्यूज़
मंडल ब्यूरो चीफ राजेश्वर सिंह
सभल से खास खबर
सम्भल ( बहजोई) 09 सितम्बर 2024*
आज विकासखंड गुन्नौर के ग्राम पंचायत असदपुर की जनता धर्मशाला में गौ आधारित प्राकृतिक खेती एवं गौशाला आधारित प्राकृतिक उत्पादों के संबंध में स्वयं सहायता समूहों का एक प्रशिक्षण आयोजित किया गया तथा नमामि गंगे जैविक खेती परियोजना के अन्तर्गत किसानों का प्रशिक्षण दिया गया।
शामली से आये अंकित द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी डाॅ राजेन्द्र पैंसिया रहे।
जिलाधिकारी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। शामली से आए प्रशिक्षक द्वारा गोमय ( गाय के गोबर ) के द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादन जैसे मूर्तियां, एवं अन्य उत्पादन तथा प्राकृतिक खेती में गोमय एवं गोमूत्र का प्रयोग तथा जैविक खेती के संबंध में उपस्थित स्वयं सहायता समूहों की दीदियों तथा किसानों को प्रशिक्षण दिया गया।
जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि गाय हमारी, प्रकृति, संस्कृति, तथा परिवार का आधार होती थी। गाय का मूल घर किसान का घर है। नयी तकनीकी आने से लोग गाय को भूल गये। जिलाधिकारी ने कहा कि हमारे किसानों को प्राचीन पद्धति पर वापस आना पड़ेगा तथा गाय को अपनाना पडेगा। जिलाधिकारी ने उपस्थित किसानों और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से 20 - 25 वर्ष पहले गाय का क्या उपयोग होता था उसके विषय में जानकारी प्राप्त की। जिलाधिकारी ने कहा कि हमें गाय को केवल दूध तक ही सीमित नहीं करना है गाय दूध के अतिरिक्त भी उपयोगी होती है। गाय के गोबर को खेती में उपयोग करने से घरती रोगी नहीं रहती है। नमामि गंगे के अन्तर्गत गंगा नदी के किनारे जैविक खेती को अपनाया जाये ताकि हमारी गंगा नदी कीटनाशकों से प्रदूषित ना हो सके। जिलाधिकारी ने नैनो यूरिया के विषय में भी बताया। जिलाधिकारी ने कहा कि धीरे धीरे कीटनाशकों का प्रयोग खेती से घटाएं तथा प्राकृतिक खेती को अपनाएं। जिलाधिकारी ने नासा में भारतीय वैज्ञानिक द्वारा रेडिएशन से बचाव के लिए गाय के गोबर के उपयोग के विषय में भी बताया। जिलाधिकारी ने कहा कि किसान को अन्नदाता तथा जगत का तात कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हमें जल, वायु, तथा मृदा प्रदूषण से बचना है। जिलाधिकारी ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के विषय में भी जानकारी दी तथा माननीय मुख्यमंत्री पशुधन सहभागिता योजना के विषय में भी बताया उन्होंने कहा कि सहभागिता योजना के अन्तर्गत एक गाय पालने पर किसान को 1500 रुपये प्रतिमाह शासन की ओर से दिया जाता है तथा एक गाय पालक को अधिकतम 4 गाय पालने के लिए दी जाती हैं अर्थात एक किसान 4 गाय पालने पर 6000 रुपये प्रतिमाह डीबीटी के माध्यम से प्राप्त करेगा, उन्होंने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत शेड की व्यवस्था भी की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि युवाओं को भी कृषि को ओर आना होगा ।उन्होंने कहा कि गाय स्वास्थ्य का खजाना होती है तथा घर का एक कोना गाय के लिए रखें तथा गो आधारित कृषि को अपनाएं। जिलाधिकारी ने जैविक अनाज के विषय में भी बताया। जिलाधिकारी ने कहा कि गाय के गोबर से बनने वाले उत्पादों में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाए। जिलाधिकारी ने संबंधित को निर्देशित करते हुए कहा कि समूह की दीदियों को गोशाला संचालन करने के लिए भी दी जाएं । जिलाधिकारी ने संबंधित को निर्देशित करते हुए कहा कि पहली रोटी गाय को एक अभियान चलाया जाए। जिसमें गाँव से रोटी एकत्र कर गोशाला में गाय को दी जा सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट, परियोजना निदेशक डीआरडीए ज्ञान सिंह,जिला विकास अधिकारी राम आशीष, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ राजपाल सिंह,कृषि उप निदेशक अरुण कुमार त्रिपाठी, जिला कृषि अधिकारी प्रबोध कुमार मिश्रा, खंड विकास अधिकारी गुन्नौर नरेश पाल सिंह, सीडीपीओ गुन्नौर आशीष पटेल एवं संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
जारी जिला सूचना कार्यालय सम्भल।