सामान - निःशुल्क - अतिअनिवार्य सम्पूर्ण शिक्षा - चिकित्सा , न्याय - सुरक्षा , समान सम्मान और सुनिश्चित रोजगार प्रत्येक मानव का जन्मसिद्ध मौलिक एवं लोकतान्त्रिक अवसर और अधिकार : क्रन्तिकारी गौरव सिंह
( निजी शिक्षण संस्थानों और हॉस्पिटलों को पूर्णरूप से प्रतिबंधित करके उनका राष्ट्रीयकरण एवं योग्यता - क्षमता - प्रतिभा के आधार पर प्रत्येक इन्सान को रोजगार दिलाने हेतु जसद करेगा राष्ट्रव्यापी " जनमत जुटाओ यात्रा " : जागरूक समाज़ दल जसद )
भारत में मानवीय गरिमापुर्ण जिन्दगी जीने की पूर्ण स्वतन्त्रता - समानता , बन्धुत्व - न्याय , समान सम्मान और सुनिश्चित रोजगार के जन्मसिद्ध लोकतान्त्रिक एवं मौलिक अवसरों और अधिकारों से शोषित - बंचित , उपेक्षित - उत्पीड़त , तिरष्कारित - अपमानित जातियों - इंसानों और उनके बच्चों को राष्ट्र की मुख्यधारा में जोड़ने हेतु सामान - निःशुल्क - अतिअनिवार्य सम्पूर्ण शिक्षा - चिकित्सा , न्याय - सुरक्षा , समान सम्मान और सुनिश्चित रोजगार प्रत्येक मानव का जन्मसिद्ध मौलिक अवसर और अधिकार दिए बिना भारत को लोकतान्त्रिक एवं गणतान्त्रिक आज़ाद भारत देश कहना सम्पूर्ण विश्व मैं स्वाधीनता संग्राम के दौरान शहीद हुये लाखों ज्ञात - अज्ञात क्रन्तिकारी अमर शहीदों एवं महानायकों , राष्ट्र कवि रविन्द्रनाथ टैगोर , लोकतंत्र और गणतंत्र का सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा उपहास उड़ाना होगा . लोकतंत्र या गणतंत्र का बस्तविक अर्थ लोक या गण के हितार्थ निर्मित तंत्र हैँ . जिसे अमेरिका के पूर्वराष्ट्रपति इब्राहिम लिंकन ने भी स्वीकार किया हैँ . और विश्व के सबसे बड़े सम्मान नोबिल पुरुष्कार से सम्मानित राष्ट्र कवि रविन्द्रनाथ टैगोर ने भी अपनी रचना गीतांजलि में साफ साफ शब्दों में उल्लेख किया हैँ . जिसके चलते उन्हें विश्व के सबसे बड़े नोविल पुरुष्कार से सम्मानित किया गया हैँ . 1952 से लेकर आज तक केंद्र की सत्ता पर काबिज़ रहने बाली कॉंग्रेस - सोशलिस्ट - बीजेपी के नेतत्त्व में बनने बाली केंद्र की सरकारों ने आज तक 90% शोषित - बंचित जातियों और इंसानों को उनका जन्मसिद्ध मौलिक अवसर और अधिकार नहीं दिया हैँ और सम्पूर्ण भारत में शोषित इंकलाब के लेनिन शहीद जगदेव प्रसाद , अर्जक महामना रामस्वरूप वर्मा , धरती के अनमोल रत्न चौधरी महाराज़ सिंह भारती के अलाबा देश के किसी भी बिपक्षी राष्ट्रीय - क्षेत्रीय राज़नैतिक दल , इनके प्रमुख , नेता ने आज तक उक़्त माँगों को लेकर अपनी आवाज़ बुलन्द नहीं की हैँ . लेकिन शहीद जगदेव प्रसाद द्वारा निर्मित शोषित इंकलाबबादी राज़नैतिक विरासत का असली उत्तराअधिकारी होने के कारण जागरूक समाज़ दल जसद डॉ भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्माण दिबस पर बाबा साहेब को अपनी सच्ची श्रदांजलि अर्पित करते हुये शिक्षा - चिकित्सा का अबिलम्ब राष्ट्रीयकरण करने और प्राईवेट - निजी शिक्षण संस्थानों और हॉस्पिटलों को पूर्णतः प्रतिबंधित करने की अपने अटूट शब्दों में मीडिया के मध्यम से आवाज़ बुलन्द करता हैँ . उक़्त बिचार जागरूक समाज़ दल जसद के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष क्रन्तिकारी गौरव सिंह ने आज संबिधान शिल्पी डॉ भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्माण दिबस पर दैनिक जागरण के साथ एक ख़ास मुलाक़ात के दौरान व्यक़्त किये हैँ .
संबिधान शिल्पी डॉ भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्माण दिबस पर बाबा साहेब को जसद की तरफ से सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये जागरूक समाज़ दल जसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष क्रन्तिकारी गौरव सिंह ने कहा हैँ कि केंद्र की सत्ता पर काबिज़ केंद्र की मोदी सरकार को लोकतंत्र और गणतंत्र का सम्मान रखते हुये 90% शोषित - बंचित जातियों - इंसानों और उनके बच्चों को राष्ट्र की मुख्यधारा में जोड़ने हेतु सामान - निःशुल्क - अतिअनिवार्य सम्पूर्ण शिक्षा - चिकित्सा , न्याय - सुरक्षा और समान सम्मान एवं सुनिश्चित रोजगार देना ही होगा . जसद उक़्त माँगों के लिए उत्तर प्रदेश की धरती से राष्ट्रव्यापी " जनमत जुटाओ आंदोलन " बहुत ही जल्दी आरम्भ करेगा और मात्र 9 महीने के अन्दर दो करोड़ शोषित - बंचित शोषितों - बचितों से समर्थन प्राप्त करके उत्तर प्रदेश की राज़धानी लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में लाखों शोषितों - बचितों की मौजूदगी में " मौलिक अवसर और अधिकार महारैली " का आयोजन करके " महारैली के सर्वजनिक मंच से राष्ट्रव्यापी शोषितजन क्रान्ति आंदोलन " का बिगुल फूँक देगा . क्योंकि " बाबा साहेब का समता मिशन की शहीद जगदेव प्रसाद का नारा हैँ ! सौ में नब्बे शोषितजन हैँ और सौ में नब्बे सुनिश्चित भाग हमारा हैँ !! "