निजीकरण और उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों के वापस होने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
गोरखपुर निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के 250 दिन पूरे होने पर आज बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों , जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर जोरदार विरोध प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। बिजली कर्मियों ने संकल्प लिया कि जब तक निजीकरण का निर्णय निरस्त नहीं किया जाता और समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस नहीं ली जाती संघर्ष जारी रहेगा।
जनपद गोरखपुर में मुख्य अभियंता कार्यालय मोहद्दीपुर पर भारी बारिश के बीच बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों इं. पुष्पेन्द्र सिंह, इं. जीवेश नन्दन , इं. जितेन्द्र कुमार गुप्त, इं. अमित आनंद, इं. सुधीर राव , इं. योगेश यादव, इं. शिवमनाथ तिवारी, सर्वश्री सी बी उपाध्याय, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, जगन्नाथ यादव, राकेश चौरसिया, राजकुमार सागर, विमलेश पाल, विजय बहादुर सिंह, करुणेश त्रिपाठी, ओम गुप्ता, एवं सत्यव्रत पांडे आदि तथा जे ई संगठन के पदाधिकारियों शिवम चौधरी, अमित यादव, विजय सिंह, एन के सिंह , प्रमोद यादव एवं रणंजय पटेल ने कहा कि शीर्ष प्रबन्धन की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है और आठ माह से निजीकरण न कर पाने के कारण हताश प्रबंधन बिजली कर्मियों का लगातार उत्पीड़न कर रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि उत्पीड़न का उद्देश्य बिजली कर्मियों का मनोबल तोड़ना है किंतु बिजली कर्मी किसी कीमत पर निजीकरण स्वीकार नहीं करेंगे।
उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां समाप्त कराने हेतु संघर्ष समिति की मांग है कि मार्च 2023 की हड़ताल के बाद ऊर्जा मंत्री द्वारा समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के वापस लिये जाने के निर्देश के अनुपालन में समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस ली जाय।
निजीकरण के नाम पर 55 साल की उम्र और डाउन साइजिंग के नाम पर हटाये गये सभी संविदा कर्मी बहाल किये जाय।
उत्पीड़न की दृष्टि से बिजली कर्मियों के किये गये सभी ट्रांसफर निरस्त किये जाय।
फेसियल अटेंडेंस के नाम पर जून और जुलाई माह का रोका गया वेतन तत्काल बिजली कर्मियों को दिया जाय।
उत्पीड़न के नाम पर स्टेट विजिलेंस की जांच कराकर शीर्ष पदाधिकारियों के विरुद्ध की गई फर्जी एफ आई आर वापस ली जाए।
रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने की दृष्टि से धमकी देकर जोर जबरदस्ती से स्मार्ट मीटर लगाने की कार्यवाही तत्काल बन्द की जाय।
आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में मुख्यतया बड़ी विरोध सभा और प्रदर्शन किया गया।