एनडीआरएफ द्वारा हर घर तिरंगा अभियान के क्रम में नौका बिहार में वोट के द्वारा किया प्रदर्शन व लोगो के साथ निकाली रैली
हम भारती न्यूज़ से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
भारत 2022 में आजादी की 75वीं सालगिरह मनाने की तैयारियों में युद्धस्तर पर जुटा हुआ है, इस कड़ी में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, ने सभी लोगों से हर घर तिरंगा अभियान में भाग लेने का आह्वान किया है, यह राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जा रहे है। उपयुक्त अभियान को साकार बनाने हेतु राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के सहायक कमांडेंट श्री स्वराज कमल एवं उनकी टीम के जवानो द्वारा रामगढ़ ताल स्थित नौका विहार परिसर में बोट पर राष्ट्रीय ध्वज लेकर शहर क्षेत्र में हर घर में तिरंगा के प्रचार प्रसार हेतु सबको जागरूकता का सन्देश दिया। इसके तत्पश्चातवहाँ पर उपस्थित जन समुदाय के साथ एक बृहत् स्तर पर एक रैली का भी आयोजन किया साथ ही साथ 11 वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के क्षेत्रीय प्रत्युत्तर केंद्र गोरखपुर के कैंपस परिसर में दीपशिखा मानव सेवा संस्थान की बहनों ने एनडीआरएफ के जवानों की कलाई पर राखी बांधकर एक भाई की एक बहन के प्रति क्या कर्तव्य होता है उसके प्रति आभास कराया जवानों ने भी उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया। यद्यपि आजादी के अमृत महोत्सव का वास्तविक उत्सव 13 से 15 अगस्त के बीच मनाया जाएगा, लेकिन हर घर तिरंगा अभियान से जुड़े कार्यक्रम 2 अगस्त से शुरू हो चुके हैं. इस अभियान का मकसद लोगों को अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित करना है। इससे लोगों में देशभक्ति की भावना जागेगी और तिरंगे को लेकर उनमें और समझ आएगी। "हर घर तिरंगा" अभियान के तहत 11 वी वाहिनी के कमांडेंट श्री मनोज कुमार शर्मा के निर्देशानुसार एनडीआरएफ की टीम 2 अगस्त को लोगों से अपनी-अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल की फोटो को तिरंगे में बदलने का आह्वान किया।
इसके अतिरिक्त शैक्षणिक संस्थान "हर घर तिरंगा" से जुड़ी चित्रकला प्रतियोगिताएं, क्विज और अन्य प्रतिस्पर्धाएं आयोजित कर रहे हैं। उनका मकसद इस तरह भारतीयों में देशभक्ति की भावना का संचार करना है। हालांकि घर पर तिरंगा फहराने की कड़ी में लोगों से अपेक्षा की जाती है कि वह झंडा नीति यानी फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के नियम-कायदों का ध्यान रखेंगे। मसलन फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2022 के तहत राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा या जमीन से छूते हुए नहीं फहरा सकते हैं।
इस कड़ी में यह भी ध्यान रखना है कि तिरंगे की सुरक्षा में ऐसे कदम भी नहीं उठाए जाएं जो उसे क्षतिग्रस्त कर दें। इसके अलावा तिरंगे को शरीर पर लपेटा नहीं जा सकता है। उसे बतौर रूमाल इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं यानी रूमाल पर तिरंगे को नहीं छाप सकते है और ना ही किसी अन्य पोशाक के रूप में इस्तेमाल कर सकते है। इस दौरान एनडीआरएफ के निरीक्षक दीपक कुमार कमलिया, सहायक उपनिरीक्षक शम्भू यादव ,हर्षलाल, सतेंद्र यादव एवं स्थानीय जनसमुदाय भारी मात्रा में शामिल रहे।