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जिले में चलेगा घर-घर कालाजार रोगी खोज अभियान, आशा कार्यकर्ताओं को मिली जिम्मेदारी

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 हम भारती न्यूज़

संवाददाता मोहम्मद अशरफ जिला ब्यूरो चीफ सारण बिहार 





1 से 15 जून तक विशेष अभियान चलाने का आदेश


आशा कार्यकर्ताओं का किया जा रहा है उन्मुखीकरण


मुखिया और जन-प्रतिनिधियों का लिया जायेगा सहयोग


छपरा। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले में कालाजार के रोगियों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा। यह अभियान 1 से 15 जून 2025 तक चलेगा। आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर कालाजार के संभावित मरीजों की पहचान की जायेगी। इसको लेकर प्रखंड स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण किया जा रहा है। इस संबंध में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. नारेंद्र कुमार सिन्हा ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। निर्देश में कहा गया है कि प्रभावित ग्रामों के प्रत्येक घर में जाकर प्रत्येक परिवार के कम से कम एक पुरुष सदस्य (15-60 वर्ष) को प्राथमिकता देते हुए सभी संदिग्धों की स्क्रीनिंग की जाएगी अभियान की सूचना सभी संबंधित पंचायत/राज प्रतिनिधियों को पूर्व सूचना के तहत दी जाएगी एवं उनका सहयोग लिया जाएगा। अभियान प्रभावित ग्रामों को पंचायत वार चिह्नित किया जाएगा एवं वहाँ के माईक्रोप्लान अनुसार प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

संभावित मरीजों की खोज आशा कार्यकर्ता करेगी:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) भारत सरकार द्वारा कालाजार उन्मूलन लक्ष्य को आगे भी उसी स्तर पर बनाये रखने को लेकर कालाजार पीकेडीएल-एचआईवी- वीएल के छुपे हुए रोगियों की घर- घर खोज कर ससमय उसका जांच एवं उपचार सुनिश्चित करने के लिए मिले दिशा निदेश के आलोक में कालाजार प्रभावित राजस्व गांवों में घर- घर कालाजार पीकेडीएल/एचआईवी- वीएल के संभावित मरीजों की खोज आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा एक जून से 15 जून तक कराया जा रहा है। कालाजार खोज अभियान के दौरान मरीजों की खोज करने वाली आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।

15 दिनों से अधिक बुखार से पीड़ित होना कालाजार का लक्षण:

कालाजार रोगी खोज अभियान के दौरान 15 दिनों से अधिक बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होंने बुखार के दौरान मलेरिया की दवा अथवा एन्टीबायोटिक दवा का सेवन किया हो एवं उसके बाद भी बुखार ठीक नहीं हुआ हो, भूख की कमी एवं उदर यानि पेट का बड़ा होना (तिल्ली का बड़ा होना) जैसे लक्षण हो, तो उन्ही व्यक्तियों की जांच RK-39 किट द्वारा करने के लिए आशा कार्यकर्ता अपने संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र को रेफर करने के लिए आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। यदि किसी व्यक्ति ने कालाजार का ईलाज पूर्व में कराया हो, फिर भी उनमें बुखार के साथ कालाजार के लक्षण पाए जाए तो उन्हें RK-39 किट से जांच नहीं करते हुए बॉन मैरो/ स्प्लीन स्प्रिशन जांच के लिए आशा द्वारा उन मरीजों को सदर अस्पताल रेफर किया जाना चाहिए। आशा के कार्यों का पर्यवेक्षण आशा फेसिलेटर द्वारा किया जाना हैं।

चिन्हित क्षेत्र में विशेष फोकस

अभियान के दौरान, वर्ष 2022 से अप्रैल 2025 के बीच चिन्हित कालाजार मरीजों के घरों के चारों दिशाओं में 50-50 घरों (अधिकतम 250 घर) में स्क्रीनिंग की जाएगी। वहीं जिन व्यक्तियों को बुखार नहीं है लेकिन शरीर पर चकते या दाग हैं (जिनमें सुन्नता न हो) और वे पूर्व में कालाजार से पीड़ित रह चुके हों, ऐसे लोगों की भी जांच कराना अनिवार्य किया गया है।

सूचना और प्रचार की भी व्यवस्था

प्रत्येक प्रभावित गांवों को पंचायतवार चिह्नित किया गया है, जहां माइक्रोप्लान के अनुसार प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की जा रही है। इस दौरान पंपलेट्स और सूचनात्मक सामग्रियों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा।

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